12 जून की दोपहर अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई. इस भयानक हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई. जान गंवाने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. यह अब तक के सबसे दर्दनाक विमान हादसों में से एक बन गया है.
जहां पूरा विमान जलकर राख हो गया, वहीं एकमात्र यात्री रमेश विश्वाशकुमार की जान बची. वह सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्ज़िट के पास थी. उन्होंने समय रहते दरवाज़ा खोला और विमान से छलांग लगाकर जान बचा ली. रमेश की यह कहानी सोशल मीडिया पर एक चमत्कार के रूप में वायरल हो रही है.
इस हादसे के दौरान एक और बात ने सभी को भावुक कर दिया. जब राहत-बचाव टीम मलबे की तलाश कर रही थी, तभी उन्हें एक ऐसी चीज़ मिली जो पूरी तरह सुरक्षित थी – भगवद गीता. जबकि आसपास सब कुछ जलकर राख हो गया था, यह पवित्र ग्रंथ बिना किसी खरोंच के सही सलामत था. लोगों ने इसे ईश्वर की कृपा बताया और इसे देखकर उनकी आंखों में श्रद्धा उमड़ पड़ी.
A passenger aboard the ill-fated AirIndia flight was carrying a copy of the Bhagavad Gita. In a remarkable turn, the sacred book was found intact and unharmed amidst the wreckage at the crash site. ???? pic.twitter.com/VBu4jYuvIi
— Megh Updates ????™ (@MeghUpdates) June 13, 2025
घटनास्थल से वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति गीता के पन्ने दिखाते हुए भावुक नजर आ रहा है. वह कहता है – “सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन गीता बच गई… यह सिर्फ किताब नहीं, विश्वास की ताकत है.” यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और लाखों लोगों को आस्था से जोड़ रहा है.
इस हादसे के बाद लंदन स्थित एक हिंदू मंदिर में लगभग 100 श्रद्धालु इकट्ठा हुए. वहां मृतकों की आत्मा की शांति और उनके परिवारों के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई. सभा को संबोधित करते हुए योगविवेकदास स्वामी ने कहा – “शोक की इस घड़ी में प्रार्थना ही सबसे बड़ा संबल है. यह समय केवल शोक का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का भी है.”
अहमदाबाद विमान हादसा न केवल एक दर्दनाक त्रासदी है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि आस्था और विश्वास कठिन से कठिन हालात में भी इंसान का संबल बन सकते हैं. भगवद गीता की राख में सलामत उपस्थिति केवल एक चमत्कार नहीं, बल्कि उस आध्यात्मिक ऊर्जा की याद दिलाती है जो हर संकट में उम्मीद का दीप जलाए रखती है.
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