प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर 2025 को अपने ओमान दौरे के दौरान मस्कट पहुंचे, जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने पारंपरिक “नमस्कार” से की और वहां मौजूद लोगों के उत्साह की जमकर सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा और जोश ने पूरे माहौल को सकारात्मक रूप से चार्ज कर दिया है. उन्होंने उन भारतीयों को भी नमस्कार किया, जो जगह की कमी के कारण स्क्रीन के जरिए कार्यक्रम देख रहे थे.
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को देखकर कहा कि उन्हें मस्कट में “मिनी इंडिया” नजर आ रहा है. यहां मलयालम, तमिल, तेलुगू, मराठी और गुजराती बोलने वाले बड़ी संख्या में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और यही विविधता विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी साफ दिखाई देती है.
पीएम मोदी ने भारत और ओमान के रिश्तों पर भावुक अंदाज में बात करते हुए कहा कि समंदर की लहरें और मौसम बदल सकते हैं, लेकिन भारत–ओमान की दोस्ती हर हाल में मजबूत रहती है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों का रिश्ता भरोसे की मजबूत नींव पर टिका है और हर गुजरते साल के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है.
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत और ओमान के कूटनीतिक रिश्तों को 70 साल पूरे हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह रिश्ता सिर्फ सरकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से लोगों के दिलों में बसा हुआ है. सात साल बाद ओमान आने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस समिट से भारत–ओमान साझेदारी को नई दिशा और नई गति मिलेगी.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए जा रहे हैं, जिनकी गूंज आने वाले कई वर्षों तक सुनाई देगी. उन्होंने बताया कि भारत ने बीते 11 वर्षों में अपने आर्थिक ढांचे को पूरी तरह बदला है. कई श्रम कानूनों को सरल बनाकर चार लेबर कोड में समेटा गया है, जिससे निवेश और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिला है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है. इसका सीधा फायदा ओमान जैसे मित्र देशों को भी मिलेगा. व्यापार, निवेश, शिक्षा और इनोवेशन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत–ओमान का रिश्ता व्यापार से शुरू हुआ था, लेकिन आने वाले समय में यह शिक्षा, तकनीक और नवाचार के जरिए और सशक्त होगा. उन्होंने दोनों देशों के लोगों से नए विश्वास और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया.
अंत में प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत हर देश की संस्कृति का सम्मान करता है और भारत–ओमान की यह दोस्ती आने वाले वर्षों में और गहरी व मजबूत होती जाएगी.
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