समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. अखिलेश यादव ने कोडीन कफ सिरप और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे गंभीर मुद्दों को उठाते हुए सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उनका कहना था कि सरकार आम जनता, खासकर गरीबों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और सत्ता के दुरुपयोग से लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि कोडीन कफ सिरप को लेकर आम लोग और गरीब तबके के लोग बेहद चिंतित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधान संसद के इलाके से ही कोडीन कफ सिरप की सप्लाई शुरू हो रही है, जो माफिया नेटवर्क की ओर इशारा करती है. अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि “कोडीन भैया” और “कालीन भैया” जैसे नाम अब आम चर्चा में हैं, लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी है. उनके मुताबिक, सरकार जानबूझकर अपने करीबी लोगों को बचाने का काम कर रही है.
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर अखिलेश यादव ने गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जहां-जहां दौरे पर जा रहे हैं, वहां अधिकारियों के कान में यह कहकर जा रहे हैं कि समाजवादियों का वोट काटा जाए. अखिलेश का दावा था कि अधिकारियों को बिना नोटिस दिए, किसी न किसी बहाने से वोट काटने का दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक बताया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि सरकार के पास अभी आंकड़े आए भी नहीं हैं, फिर मुख्यमंत्री को कैसे पता चल गया कि 4 करोड़ वोट कट गए हैं. अखिलेश ने कहा कि इससे साफ होता है कि पूरी प्रक्रिया पहले से तय है और आंकड़े बीजेपी तक पहुंच चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि रात में बैठकर यह रणनीति बनाई जा रही है कि किस तरह वोटों का संतुलन बदला जाए.
कोडीन के अलावा अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों, चीनी मिलों और पर्यावरण प्रदूषण का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की हालत इतनी खराब है कि लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच तक नहीं हो पाया. उन्होंने याद दिलाया कि यही वह स्टेडियम है, जिसे समाजवादी सरकार के दौरान बनवाया गया था. नदियों की बदहाल स्थिति और AQI के आंकड़े सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं.
अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े बुर्का विवाद को दुखद बताया और कहा कि इसकी निंदा पूरी दुनिया में हो रही है. संजय निषाद के बयान पर उन्होंने कहा कि संभव है मुख्यमंत्री के कहने पर ही ऐसे बयान दिए गए हों. वहीं रोहिंग्या मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि किसी भी बीजेपी नेता को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि कौन रोहिंग्या है और कौन नहीं, बिना ठोस जांच के लोगों को बदनाम किया जा रहा है.
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