WhatsApp ने 98 लाख अकाउंट्स को एक झटके में किया बैन, कहीं आपका नंबर तो नहीं शामिल?

WhatsApp ने जून 2025 में भारत में 98 लाख अकाउंट्स बैन किए, जिसमें 19 लाख प्रोऐक्टिव थे. जानें क्या है इसका कारण और कैसे बचें इस कार्रवाई से.

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Meta की स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने जून 2025 में भारत में एक बड़ा कदम उठाते हुए 98 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है. यह कदम प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग, फेक न्यूज और यूजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. हैरानी की बात ये है कि इनमे से 19 लाख से अधिक अकाउंट्स को प्रोऐक्टिव तरीके से सस्पेंड किया गया यानी शिकायत आने से पहले ही, WhatsApp की तकनीकी टीम ने उनपर कार्रवाई कर दी.

यूज़र्स की शिकायतों पर भी हुई कार्रवाई

WhatsApp हर महीने अपनी Compliance रिपोर्ट जारी करता है, जिसके मुताबिक जून महीने में कंपनी को कुल 23,596 यूज़र शिकायतें प्राप्त हुईं. ये शिकायतें अकाउंट सपोर्ट, बैन अपील्स और अन्य तकनीकी समस्याओं से जुड़ी थीं. रिपोर्ट के अनुसार, इन शिकायतों की जांच के बाद 1,001 मामलों में एक्शन लिया गया.

इससे यह स्पष्ट है कि WhatsApp केवल ऑटोमैटिक सिस्टम के भरोसे नहीं है, बल्कि यूजर्स की शिकायतों को भी गंभीरता से लेकर ज़रूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करता है.

WhatsApp की सुरक्षा नीति

WhatsApp का फोकस हमेशा से यूज़र सेफ्टी पर रहा है. कंपनी का मानना है कि नुकसान होने से पहले ही उसे रोकना ज्यादा बेहतर होता है. इसी सोच के साथ WhatsApp लगातार अपने सिक्योरिटी फीचर्स को अपडेट कर रहा है. स्पैम, फेक न्यूज, फेक अकाउंट्स और अन्य तरह की दुरुपयोग की गतिविधियों को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए WhatsApp एडवांस टेक्नोलॉजी और यूज़र फीडबैक दोनों का इस्तेमाल करता है.

कैसे काम करता है WhatsApp का ऑटोमैटेड एब्यूज सिस्टम?

WhatsApp के पास एक स्मार्ट ऑटोमैटेड सिस्टम है जो तीन स्तरों पर यूजर की गतिविधियों की निगरानी करता है:

1. रजिस्ट्रेशन के समय

2. संदेश भेजते समय

3. नेगेटिव फीडबैक मिलने पर, जैसे किसी यूज़र द्वारा रिपोर्ट या ब्लॉक किया जाना

इन टूल्स के साथ एक विशेषज्ञों की टीम भी जुड़ी होती है जो संदेहास्पद मामलों की समीक्षा करती है ताकि सिस्टम की सटीकता और बेहतर हो सके.

क्यों जरूरी है ये कदम?

आज के समय में WhatsApp का इस्तेमाल सिर्फ मैसेजिंग के लिए ही नहीं, बल्कि बिज़नेस और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी होता है. ऐसे में स्पैम, स्कैम और दुरुपयोग से प्लेटफॉर्म को मुक्त रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है.

WhatsApp के इस कड़े कदम से यह साफ हो गया है कि कंपनी यूजर्स की सुरक्षा और अनुभव को लेकर पूरी तरह से गंभीर है. आने वाले समय में ऐसे और भी कदम देखने को मिल सकते हैं, जिससे यूज़र्स को एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल माहौल मिल सके.