जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर दिया है। इसका असर श्री माता वैष्णो देवी यात्रा पर भी पड़ा है। अधिकारियों ने मंगलवार को घोषणा की कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश की वजह से रेड अलर्ट जारी किया है। इससे पहले गुफा मंदिर के लिए बैटरी कार और हेलीकॉप्टर सेवाएँ बंद कर दी गई थीं, लेकिन परंपरागत मार्ग से यात्रा जारी थी। हालाँकि, बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए अब यात्रा पूरी तरह स्थगित कर दी गई है।
लगातार तीसरे दिन भी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है, जिसके कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह प्रभावित है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की लगभग सभी नदियाँ और नाले खतरे के निशान के आसपास बह रहे हैं। कई निचले इलाके और सड़कें पानी में डूब गई हैं।
रामबन जिले के चंदरकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा जैसे इलाकों में पहाड़ों से पत्थर गिरने की घटनाएँ सामने आई हैं। इस कारण 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एहतियातन यातायात रोक दिया गया है।
डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी जैसे पहाड़ी जिलों से भी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की खबरें मिल रही हैं। वहीं, कठुआ जिले की तराना नदी, उज्ह नदी, सहार खाद और रावी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। उधमपुर में तवी नदी खतरे के निशान से 20 फीट ऊपर बह रही है, जबकि चिनाब नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में कठुआ जिले में सबसे अधिक 155.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भद्रवाह (डोडा) में 99.8 मिमी, जम्मू में 81.5 मिमी और कटरा में 68.8 मिमी बारिश हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालात पर चिंता जताते हुए प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण उपायों का जायजा लेने और प्रभावित जिलों को अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराने के आदेश भी दिए हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों से दूर रहें।