केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों और स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी परेशानियों को करीब से समझा।
गुरदासपुर में मंत्री चौहान खुद ट्रैक्टर पर सवार होकर खेतों तक पहुंचे और पानी से डूबे धान के खेतों का निरीक्षण किया। खेतों में घुटनों से ऊपर तक पानी भरा हुआ था। उन्होंने किसानों से कहा कि वे उनकी समस्याओं को सीधे केंद्र सरकार तक पहुँचाएँगे और हर संभव मदद दी जाएगी।
इससे पहले अमृतसर में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हालात का जायज़ा लेने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब भेजे हैं। ये दल रिपोर्ट तैयार करेंगे और फिर केंद्र सरकार आगे की योजना बनाएगी। चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़, भाजपा नेता तरुण चुघ और अन्य नेता मौजूद थे।
पत्रकारों से बातचीत में चौहान ने कहा कि पंजाबी हमेशा देश और मानवता की सेवा में आगे रहते हैं, लेकिन इस समय बाढ़ ने पूरे पंजाब को बहुत नुकसान पहुँचाया है। गाँवों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और खेत पानी में डूब गए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस मुश्किल समय में पंजाब के साथ खड़ी है।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें पंजाब भेजा है ताकि वह हालात को देखें और किसानों से मिलें। उन्होंने साफ कहा कि नुकसान बहुत बड़ा है, क्योंकि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। साथ ही रावी नदी से आई गाद खेतों में जम गई है, जिससे अगली फसल बोने में भी दिक्कत आएगी।
अमृतसर पहुँचने पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने चौहान को पाँच जिलों—अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर—की विस्तृत बाढ़ रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में बाढ़ से हुई जान-माल की हानि, फसलों का नुकसान और बुनियादी ढाँचे पर पड़े असर का पूरा विवरण दिया गया।
बाद में पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुद्डियां और अजनाला से विधायक कुलदीप धालीवाल ने चौहान से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। इसमें अजनाला विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहले चरण में 2,000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मांगी गई। इसके अलावा उन्होंने केंद्र से राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये भी जारी करने की मांग की।
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