पंजाब सरकार ने राज्य के व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए लीजहोल्ड प्लॉटों को फ्रीहोल्ड में बदलने की नई नीति लागू कर दी है। ये फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान के उस वादे का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने औद्योगिक क्रांति से जुड़े 12 मुद्दों को हल करने की बात कही थी। अब इनमें से दो बड़े मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा और हरदीप सिंह मुंडियां ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने लीजहोल्ड जमीनों को फ्रीहोल्ड में बदलने की पूरी प्रक्रिया आसान बना दी है। नई पॉलिसी के तहत अब फीस में 50% की छूट दी गई है। साथ ही जो प्लॉट पहले ही बिक चुके हैं, उन पर अब सिर्फ 5% कलेक्टर रेट देना होगा।
उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि लुधियाना के फोकल पॉइंट में अगर किसी के पास 500 गज का लीज प्लॉट है, तो पहले उसे फ्रीहोल्ड करवाने के लिए बहुत ज्यादा फीस देनी पड़ती थी। लेकिन अब सिर्फ 10 लाख रुपये में यह काम हो जाएगा।
मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि एक सरकारी कमेटी ने इस नीति में बदलाव का सुझाव दिया था। अब नई नीति के अनुसार, औद्योगिक प्लॉट के ट्रांसफर (मालिक बदलने) पर 12.5% ट्रांसफर फीस लागू की जाएगी।
सरकार का कहना है कि इस नई नीति से न केवल कारोबारियों को ज़मीन की मिल्कियत पाने में आसानी होगी, बल्कि कानूनी झगड़ों और मुकदमों में भी कमी आएगी। साथ ही इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और प्लॉटों का प्रबंधन अधिक व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा।
यह फैसला पंजाब के व्यापार और उद्योग जगत के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
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