पंजाब में लगातार भारी बारिश और बाढ़ से कई इलाकों में हालात मुश्किल बने हुए हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। रविवार को उन्होंने टांडा क्षेत्र के बेट इलाके, रड़ा मंड में जाकर स्थिति का जायज़ा लिया। इस दौरान उनके साथ होशियारपुर के सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, टांडा हलके के विधायक जसवीर सिंह राजा, विधायक कर्मवीर सिंह घुम्मन, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन, चेयरमैन गुरविंदर सिंह पाबला और नहर विभाग सहित प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने ब्यास नदी के किनारे बसे गांवों जैसे अब्दुल्लापुर और मियानी का दौरा किया। इसके अलावा, उन्होंने टांडा-श्री हरगोबिंदपुर रोड पर बने अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों से भी मुलाकात की। वहां मौजूद लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से भेजी गई सहायता सामग्री वितरित की। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में धार्मिक संस्थाओं और समाजसेवियों ने जिस तरह से लोगों की मदद की है, वह सराहनीय है। मान ने कहा, "यह समय अपने भाई-बहनों का साथ देने का है और राज्य सरकार हर ज़रूरतमंद तक मदद पहुँचाएगी।"
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन (गिरदावरी) करवाया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उन्हें उसका पूरा मुआवज़ा मिले।
पत्रकारों से बातचीत में भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि किसी को भी परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस बाढ़ को "प्राकृतिक आपदा" घोषित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज देने की मांग की, ताकि किसानों और बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया तेज़ी से हो सके।
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