चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन इस समय सुर्खियों में है. सोमवार को आयोजित मुख्य सत्र में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देशों के नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों और साझा हितों पर विचार-विमर्श किया. इस सत्र के बाद एक अनोखा और दिलचस्प नजारा सामने आया, जिसने सभी का ध्यान खींचा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार में बैठे और कार्यक्रम स्थल से बाहर निकले.
पीएम मोदी ने इस खास पल की तस्वीर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की. उन्होंने लिखा कि "एससीओ समिट के कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं साथ में हमारी द्विपक्षीय बैठक के स्थल तक गए. उनके साथ बातचीत हमेशा बेहद ज्ञानवर्धक रहती है." यह तस्वीर तुरंत ही चर्चा का विषय बन गई और भारत-रूस संबंधों की मजबूती का प्रतीक मानी गई. दोनों नेताओं के बीच जल्द ही द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है.
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका का दबाव भारत पर बढ़ रहा है. दरअसल, ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है. ऐसे में मोदी और पुतिन की दोस्ती का यह संदेश अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक संतुलन बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
समिट की शुरुआत रविवार को हुई थी. उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता की. इस बातचीत में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई. मौजूदा समय में भारत, रूस और अमेरिका के बीच बदलते समीकरणों को देखते हुए यह बैठक भी कूटनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रही.
शंघाई सहयोग संगठन एशिया का सबसे बड़ा बहुपक्षीय संगठन है, जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देश शामिल हैं. इस मंच का मकसद राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है. तियानजिन में हो रहा यह शिखर सम्मेलन मौजूदा वैश्विक संकटों, आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे गंभीर मुद्दों पर केंद्रित है.
स्पष्ट है कि SCO समिट न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मंच है, बल्कि यह सदस्य देशों के बीच बदलते समीकरणों और नए कूटनीतिक संदेशों का भी आईना है. मोदी और पुतिन की साझा कार यात्रा ने इस समिट की सबसे यादगार तस्वीर पेश की है.
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