पंजाब में नशे के खिलाफ युद्ध अब निर्णायक मोड़ पर है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि नशा माफिया के ‘बड़े मगरमच्छ’ अब कानून के शिकंजे में हैं और आगे भी कई और चेहरे बेनकाब होंगे. उन्होंने दो टूक कहा, “मुझे लोगों ने डराया कि इनसे पंगा मत लो, ये मरवा देंगे. लेकिन हम तो कफन सिर पर बांधकर निकले हैं, और 2014 से यही लड़ाई लड़ रहे हैं.
सीएम मान ने नशे के नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की बात करते हुए कहा कि अब वह समय खत्म हो चुका है जब सत्ता में बैठे ‘जरनैल’ नशे के कारोबार को संरक्षण दिया करते थे. अब उनकी आलीशान कोठियों पर बुलडोजर चल रहा है और कानून अपना काम कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल छोटे तस्करों को पकड़ना नहीं, बल्कि उन नेताओं, अधिकारियों और रसूखदारों को भी कानून के कटघरे में खड़ा करना है जो नशे के पीछे असली मास्टरमाइंड हैं, हमने कहा था बड़े नशा तस्कर भी आएंगे... और वो आ ही गए,” मान ने विश्वास से कहा.
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि जब उन्होंने नशे के खिलाफ मोर्चा खोला था तो कई लोगों ने उन्हें चेताया था, लेकिन उन्होंने पीछे हटने की बजाय, और ज्यादा मजबूती से लड़ाई लड़ी. मुझे कहा गया कि इनसे पंगा मत लो, लेकिन हमने कफन सिर पर बांध रखा है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जो नेता पहले सत्ता की आड़ में नशा कारोबार को संरक्षण दे रहे थे, वे अब जेल की सलाखों के पीछे हैं. उनकी अवैध कमाई से बनी कोठियों को ध्वस्त किया जा रहा है. पहले कोई इन धनाढ्य नेताओं को छूने की हिम्मत नहीं करता था, लेकिन हमारी सरकार ने ये करके दिखाया.
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि स्थानीय स्तर पर नशे के नेटवर्क को खत्म करने के लिए थानों में छोटे स्तर के अधिकारियों का तबादला किया गया है. इसके अलावा, OAT क्लीनिक और रिहैब सेंटर को भी नए सिरे से अपडेट किया गया है ताकि नशे के शिकार लोगों को सही दिशा दी जा सके.
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