बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले से एक बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक हिंदू युवक को भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने साफ कहा है कि इस मामले में दोषी पाए जाने वालों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा.
सरकारी जानकारी के मुताबिक, मारे गए युवक का नाम दीपु चंद्र दास था. उसकी उम्र 27 साल थी और वह हिंदू समुदाय से था. बताया गया है कि दीपु की इतनी बुरी तरह पिटाई की गई कि उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. घटना की क्रूरता देखकर लोग हैरान और गुस्से में हैं.
घटना के बाद रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने तुरंत कदम उठाया और इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों की उम्र 19 से 46 साल के बीच है. सरकार का कहना है कि मामले की जांच पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से की जा रही है.
मोहम्मद यूनुस ने बताया कि RAB की टीमों ने मयमनसिंह के अलग-अलग इलाकों में छापे मारे. इन छापों के दौरान सभी संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. प्रशासन ने साफ कहा है कि अगर आगे जांच में और लोग शामिल पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी.
यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जब बांग्लादेश पहले से ही तनावपूर्ण हालात से गुजर रहा है. युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद कई इलाकों में गुस्सा और हिंसा फैली हुई थी. हादी एक बड़े छात्र आंदोलन से जुड़े नेता थे, जिनकी मौत से हालात और बिगड़ गए.
12 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश हमलावरों ने हादी को गोली मार दी थी. इलाज के लिए उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी जान नहीं बच सकी. इसके बाद कई शहरों में प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं.
हिंदू युवक की हत्या पर अंतरिम सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. सरकार ने कहा है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है. दोषी चाहे कोई भी हो, उसे कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाएगी.
सरकार ने आम लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहने की अपील की है. साथ ही हालिया हिंसा में मीडिया दफ्तरों पर हुए हमलों की भी निंदा की गई है. प्रशासन का कहना है कि देश में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.
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