पंजाब के बठिंडा जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नशा रोकथाम के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट शौकत अहमद परे ने कई कड़े आदेश जारी किए हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्होंने ट्रैक्टर स्टंट, प्रीगाबालिन 75 एमजी की बिक्री और हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है.
सिविल सर्जन बठिंडा की रिपोर्ट के आधार पर ये आदेश पारित किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीगाबालिन का दुरुपयोग आम लोगों द्वारा नशे के तौर पर किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य और समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। आदेश 31 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेंगे.
जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि बठिंडा जिले की सीमा के भीतर ट्रैक्टरों और उनसे जुड़े उपकरणों द्वारा खतरनाक स्टंट्स या सार्वजनिक प्रदर्शन पूरी तरह वर्जित रहेंगे. यह आदेश युवाओं की सुरक्षा और सड़क पर हादसों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जारी किया गया है.
प्रीगाबालिन 75 एमजी कैप्सूल और टैबलेट की खुदरा और थोक बिक्री पर जिले में पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। किसी भी मेडिकल स्टोर, अस्पताल की फार्मेसी या अन्य विक्रेता को यह दवा बिना असली पर्ची के बेचने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही, दवा विक्रेता को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह पर्ची पर अपनी मोहर और दवा वितरण की तारीख दर्ज करे. कैप्सूल की बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा, जिसमें वितरक का नाम, मात्रा और पर्ची की वैधता अवधि शामिल होनी चाहिए.
कोई भी विक्रेता पहले से जारी पर्ची के आधार पर दवा की दोबारा बिक्री नहीं करेगा. इसके साथ ही, दी गई दवा की मात्रा पर्ची में उल्लेखित अवधि से अधिक नहीं होनी चाहिए. यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रीगाबालिन की बिक्री किसी दूसरे मेडिकल स्टोर द्वारा पहले से न की गई हो.
जिले की सीमा में किसी भी मेले, धार्मिक आयोजन, शादी या किसी शिक्षण संस्थान में कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर नहीं जाएगा. न ही सोशल मीडिया पर हथियारों की तस्वीरें या वीडियो पोस्ट किए जा सकेंगे, न ही किसी गीत या नाटक के माध्यम से हथियारों का प्रचार किया जाएगा. कोई भी व्यक्ति हथियारों के इस्तेमाल की प्रशंसा करते हुए कोई टेक्स्ट, पोस्ट या प्रचार सामग्री सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करेगा. यह आदेश सख्ती से लागू होगा, हालांकि पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड और अधिकृत सुरक्षा स्टाफ इससे मुक्त रहेंगे.
ये आदेश 31 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेंगे और इसका उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, सरकारी सुरक्षाबलों, अधिकृत निजी गार्ड्स और शैक्षणिक व वाणिज्यिक संस्थानों में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को इससे छूट दी गई है.
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