जिस जंगल को उन्होंने सालों संभाला, जिस जमीन की हर हरियाली में उनका पसीना बहा, वहीं अब जाकर उन्हें उनका हक मिला है. पंजाब सरकार ने वन विभाग में सालों से संविदा पर काम कर रहे 378 कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति देने का ऐलान किया है. ये वही लोग हैं जिन्होंने बिना स्थायी वेतन, बिना भविष्य की गारंटी के, दिन-रात एक कर दिया. अब उन्हें ‘सरकारी कर्मचारी’ का तमगा मिला है.
वन मंत्री लाल चंद कटारूचक ने खुद यह ऐलान किया और कहा कि पिछली सरकारों ने इन मेहनती लोगों को सालों तक टालते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल से आज उन्हें न्याय मिला. 'हमने वादा किया था बदलाव का, अब वो ज़मीन पर उतर रहा है,'- कटारूचक. मंत्री ने बताया कि जल्द ही खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान इन सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. ये केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि 378 घरों की सांसों में स्थायित्व का नाम है.
कटारूचक ने कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि ये पार्टियां हमेशा ‘कच्चे काम, पक्के वादे’ करती रहीं, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं किया. आज जो लोग सरकारी सेवक बने हैं, वो असल में बीते दशक की अनदेखी का शिकार थे.
मंत्री के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद अब तक 50,000 से ज्यादा नौकरियां युवाओं को दी जा चुकी हैं. रोज़ाना कोई न कोई विभाग में नई भर्ती या नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है.
वन विभाग को मिले पंख
378 कर्मियों की नियमित नियुक्ति से विभाग में नई ऊर्जा और जवाबदेही का संचार होगा. अब ये कर्मचारी और ज्यादा आत्मविश्वास से काम कर सकेंगे, जिससे पंजाब के जंगलों और पर्यावरण सुरक्षा को भी फायदा पहुंचेगा.
Copyright © 2025 The Samachaar
