एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंक को पालने की उसकी आदत पर सीधा हमला बोला. मोदी सरकार की ओर से बनाई गई एंटी-टेरर डेलीगेशन का हिस्सा बनकर ओवैसी जब भारतीय प्रवासियों को संबोधित कर रहे थे, तो उनके शब्दों में पाकिस्तान के लिए ज़हर और आतंकवाद के खिलाफ जुनून साफ झलक रहा था.
इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ओवैसी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, 'ज़कीउर रहमान लखवी नाम का एक आतंकी था. जिस पर मुंबई हमले जैसे संगीन केस चल रहे थे, वो पाकिस्तान की जेल में आराम से बैठा था और वहीं से पिता भी बन गया. कौन-सा देश आतंकियों को इतनी छूट देता है?'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर जब FATF की ग्रे लिस्ट का दबाव पड़ा, तभी जाकर इस आतंकी पर कार्रवाई की रस्म निभाई गई. इसका मतलब साफ है- पाकिस्तान आतंकी फैक्ट्री चला रहा है.
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान अब इस्लाम का नाम लेकर कत्ल करने वालों की पनाहगाह बन गया है. उन्होंने ‘ताक़फीर’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए बताया कि "जो अपने ही मजहब वालों को काफिर कहकर मार दे, वो इस्लाम का नहीं, शैतान का साथी है.
उन्होंने पहलगाम में 22 अप्रैल को हिंदू पर्यटकों पर हुए हमले को याद करते हुए कहा कि 'जिस मजहब में एक बेगुनाह की जान लेना पूरी इंसानियत का कत्ल माना गया है, उसी मजहब का नाम लेकर ये लोग टारगेटेड मर्डर कर रहे हैं. पाकिस्तान की यही जहरीली सोच दुनिया में आतंक फैला रही है.'
ओवैसी ने खुलकर कहा कि पाकिस्तान आज भी लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों को पनाह दे रहा है। ये वही संगठन है जो अमेरिका पर 9/11 जैसे हमलों के मास्टरमाइंड्स से वैचारिक रूप से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए इनकी कमर तोड़ दी, लेकिन जड़ें अभी भी पाकिस्तान की सरजमीं में हैं.
ओवैसी ने दुनिया भर की सरकारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए. "अगर आज नहीं रोका, तो ये आग सिर्फ भारत नहीं, पूरे दक्षिण एशिया को जला देगी. भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है - क्या हम इसे आतंक के हवाले कर सकते हैं?"
ओवैसी का ये बयान उन सभी बहसों को खत्म करता है जो आतंकी को मजहब से जोड़कर वैध ठहराने की कोशिश करती हैं. उन्होंने कहा - 'हथियार उठाने वाला, बेगुनाहों को मारने वाला कोई भी इंसान इंसानियत का दुश्मन है – और आतंकवाद किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
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