IND vs WI: 10 साल बाद टीम इंडिया में धमाकेदार वापसी! नितिश रेड्डी ने रच दिया नया इतिहास

IND vs WI: नितिश रेड्डी ने 10 साल बाद टीम इंडिया में पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर धमाकेदार वापसी की है. शुभमन गिल की कप्तानी में उनकी मौजूदगी भारतीय क्रिकेट के भविष्य की नई तस्वीर पेश करती है.

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रिकेट की दुनिया में वक्त बदलता रहता है, लेकिन कुछ पल ऐसे होते हैं जो हमेशा यादगार बन जाते हैं. भारत की पिचों पर अक्सर स्पिन गेंदबाजों की चर्चा होती है, लेकिन इस बार सुर्खियों में एक युवा पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर छा गया है नितिश रेड्डी. शुभमन गिल की कप्तानी में खेलते हुए उन्होंने भारतीय टीम में वो कमी पूरी की है, जिसकी तलाश पिछले एक दशक से थी.

12 साल बाद सुनहरा मौका

भारतीय सरजमीं पर किसी पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर का खेलना किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं है. 2015 में स्टुअर्ट बिन्नी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले थे और उससे पहले 2013 में हार्दिक पंड्या को मौका मिला था. अब 12 साल बाद नितिश रेड्डी इस लिस्ट में शामिल हो गए. उनकी मौजूदगी टीम इंडिया के लिए नए विकल्प और रणनीतियों के दरवाज़े खोलती है.

अहमदाबाद में शानदार वापसी

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर धमाकेदार डेब्यू के बाद इंग्लैंड टूर में चोटिल होने वाले नितिश रेड्डी ने अहमदाबाद में वापसी की. भले ही उन्हें गेंदबाजी से सफलता नहीं मिली, लेकिन मैदान पर उनकी मौजूदगी अपने आप में एक बड़ा संकेत है कि टीम इंडिया भविष्य में पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर्स पर गंभीरता से निवेश करने को तैयार है.

कप्तान शुभमन गिल की नई सोच

शुभमन गिल की कप्तानी में नितिश को मौका दिया जाना भारतीय क्रिकेट के भविष्य की झलक भी है. गिल का नेतृत्व कई मायनों में विराट कोहली की याद दिलाता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि विराट की ही कप्तानी में आखिरी बार कोई पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर भारत में उतरा था, और अब गिल उसी राह पर टीम को आगे बढ़ा रहे हैं.

रिकॉर्ड्स से जुड़ी खासियतें

नितिश रेड्डी ने अपने छोटे से करियर में ही बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न में शतक लगाने के बाद उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में खास उपलब्धि अपने नाम की थी. वह 2002 के बाद केवल दूसरे भारतीय पेसर बने जिन्होंने अपने पहले ही ओवर में दो विकेट झटके. इससे पहले इरफान पठान ने 2006 में कराची टेस्ट के पहले ओवर में पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लेकर इतिहास रचा था.

क्यों हैं खास नितिश रेड्डी?

रेड्डी टीम के लिए डबल रोल निभा सकते हैं. नई गेंद से शुरुआत करने के साथ-साथ वे लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी का विकल्प भी देते हैं. यह भारतीय टीम को विदेशी टीमों की तरह संतुलन और गहराई प्रदान करता है.

कुल मिलाकर, नितिश रेड्डी की मौजूदगी भारतीय क्रिकेट के लिए शुभ संकेत है. वो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के उस भविष्य की झलक हैं जिसमें पेस-बॉलिंग ऑलराउंडर की भूमिका फिर से अहम बनने वाली है.