पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को गैर-विद्यक कार्य करने से रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि अब अध्यापक सिर्फ पढ़ाई और स्कूल के कामकाज में ही लगे रहेंगे, उन्हें अन्य प्रशासनिक या सरकारी कामों में नहीं लगाया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी मिडल राजेश शर्मा ने जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सभी स्कूलों में जिन अध्यापकों को गैर-विद्यक कार्य में लगाया गया है, उनका पूरा डाटा तुरंत शिक्षा कार्यालय में भेजा जाए। इसके बाद प्रशासन के सहयोग से उन अध्यापकों को वापस उनके स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेजा जाएगा।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को जानकारी मिली थी कि कुछ जिलों में प्रशासन अध्यापकों को पढ़ाई के अलावा अन्य कार्यों जैसे चुनाव, जनगणना या आपदा राहत से संबंधित कार्यों में भी लगा रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) की धारा-27 में साफ कहा गया है कि अध्यापकों को सिर्फ आवश्यक सरकारी कार्यों के अलावा किसी भी गैर-विद्यक कार्य में नहीं लगाया जा सकता।
कक्षा से अध्यापकों की अनुपस्थिति किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराई जा सकती। अगर बहुत जरूरी हो, तो शिक्षा विभाग से लिखित अनुमति लेनी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो और सभी अध्यापक अपनी मूल जिम्मेदारी, यानी पढ़ाई और छात्रों की देखभाल, पर ध्यान दें।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि आदेश जारी कर दिया गया है और अब सभी स्कूल प्रधान अपने स्कूलों में गैर-विद्यक कार्य में लगे अध्यापकों की पूरी जानकारी जमा करेंगे। इस डाटा के आधार पर जिला प्रशासन अध्यापकों को वापस स्कूलों में पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अध्यापक सिर्फ पढ़ाई और स्कूल के काम में ही लगे रहें।