नई दिल्ली, जून 2025 क्रिकेट की दुनिया में एक अहम बदलाव हुआ है। मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने क्रिकेट के नियमों में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है जिसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इसी महीने से लागू करने की घोषणा की है। यह नया नियम अब स्पष्ट करता है कि कोई भी फील्डर बाउंड्री रोप के बाहर जाकर गेंद को कई बार उछालते हुए कैच पूरा नहीं कर सकेगा।
इस निर्णय का उद्देश्य खेल की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। MCC ने कहा है कि यह संशोधन अक्टूबर 2026 से उसके आधिकारिक कानूनों में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन ICC ने इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने की बात कही है, जिससे यह सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में लागू हो गया है।
अब तक क्रिकेट में यह प्रावधान था कि कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर हवा में छलांग लगाकर गेंद को छू सकता था, उसे उछालकर फिर मैदान के अंदर आकर कैच पूरा कर सकता था, बशर्ते उसका शरीर ज़मीन से संपर्क में न हो।
इस तकनीक का उपयोग कई मौकों पर किया गया, खासकर टी20 मैचों में, जहां बाउंड्री के नज़दीक खड़े फील्डर गेंद को बाहर गिरने से रोकने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल करते थे।
MCC के नए संशोधन के अनुसार:
यदि कोई फील्डर मैदान की सीमा (बाउंड्री रोप) के बाहर है, तो वह गेंद को छू भी नहीं सकता।
कैच तब तक वैध नहीं माना जाएगा जब तक फील्डर का पूरा शरीर मैदान की सीमा के भीतर न हो।
इसका मतलब है कि बाउंड्री के बाहर हवा में रहते हुए गेंद को उछालकर फिर अंदर आकर पकड़ने वाली रणनीति अब मान्य नहीं होगी।
MCC और ICC के अनुसार, यह बदलाव क्रिकेट की “स्पिरिट ऑफ द गेम” को बनाए रखने और दर्शकों को स्पष्टता देने के लिए किया गया है। कई बार ऐसे कैच विवाद का विषय बनते थे, क्योंकि देखने में यह तय करना मुश्किल होता था कि गेंद और फील्डर बाउंड्री के कितने पास थे।
इस बदलाव से खासकर फील्डिंग टीमों की रणनीति में बदलाव देखने को मिलेगा, खासकर सीमारेखा पर खड़े खिलाड़ियों को अब और ज्यादा सटीकता और सीमाओं के भीतर ही खेलने की जरूरत होगी।
टी20 लीग्स और हाई-वोल्टेज मुकाबलों में यह नियम गेम चेंजर साबित हो सकता है, जहां एक कैच पूरे मैच की दिशा बदल देता है.
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