मैनचेस्टर टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ी रणनीति पर पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि वॉशिंगटन सुंदर जैसे गेंदबाज को, जिसने पिछले टेस्ट में चार विकेट चटकाए थे, इंग्लैंड की पारी के बहुत देर बाद गेंदबाज़ी के लिए लाना टीम की रणनीति पर सवाल खड़े करता है. शास्त्री के मुताबिक, इससे सुंदर के आत्मविश्वास पर असर पड़ सकता है और साथ ही यह कप्तान शुभमन गिल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभवहीनता को भी उजागर करता है.
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने सात विकेट के नुकसान पर 544 रन बना लिए थे और पहली पारी में 186 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी. सुंदर के मैदान में उतरने के बाद उन्होंने ओली पोप और हैरी ब्रूक को आउट किया, जिससे साफ हो गया कि उन्हें पहले ही लाया जाना चाहिए था.
शास्त्री ने टीम की रणनीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उसने पिछले मैच में चार विकेट लिए थे. फिर आप उसे 67, 69 ओवर बाद लाते हो. इसका उस खिलाड़ी पर क्या असर पड़ेगा? यहां मैंने चार विकेट लिए, मैं तो शुरुआती 30-35 ओवर में गेंदबाज़ी का हकदार हूं. उन्होंने कहा कि जैसे ही सुंदर को गेंद दी गई, उन्होंने दो अहम विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की.
शास्त्री ने आगे कहा कि सिराज को नई गेंद देनी चाहिए थी, 'मुझे लगा सिराज को नई गेंद मिलनी चाहिए थी. लेकिन आपने कम्बोज को दे दी, जो अपना पहला टेस्ट खेल रहा है. इससे इंग्लैंड पर दबाव कम हो गया. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया की बाउंसर रणनीति भी देर से लागू की गई. “बाउंसर रणनीति भी 24 घंटे लेट आई. यह कल आज़मानी चाहिए थी ताकि अगर इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी में कुछ सेंध लग सकती तो उसे रोका जा सकता.
इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज़ जो रूट ने 248 गेंदों में 150 रनों की शानदार पारी खेली. उनके अलावा कप्तान बेन स्टोक्स (134 गेंदों में 77 रन) और ओली पोप (128 गेंदों में 71 रन) ने भी अहम योगदान दिया. पहले दिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाज़ों की जमकर धुलाई की, जिससे गेंदबाज़ी आक्रमण फीका नजर आया. शास्त्री ने कहा कि यह एक लंबा दौरा रहा है और एक और टेस्ट बाकी है, लेकिन भारतीय तेज गेंदबाज़ों की बॉडी लैंग्वेज देखकर लगता है कि पूरी सीरीज़ निकाल पाना एक चुनौती होगी.
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