झारखंड की राजधानी रांची की गलियों में एक देसी स्वाद की खुशबू बरसात के मौसम में खूब महकती है- इसका नाम है घेनारी साग. ये न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि पोषण से भरपूर भी है. खास बात ये है कि ये आदिवासी समुदाय की पारंपरिक थाली का हिस्सा रहा है और बेटी-दामाद के स्वागत में सबसे पहले यही बनता है.
रांची की रहने वाली ऊषा बताती हैं कि घेनारी साग मुख्य रूप से मानसून के समय जंगलों में खूब उगता है और इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती. लोकल बाजारों में ये ₹40 प्रति किलो तक मिल जाता है. इसकी लोकप्रियता का कारण है इसका स्वाद और झटपट बनने वाली रेसिपी.
घेनारी साग की रेसिपी जितनी सिंपल है, स्वाद उतना ही लाजवाब है. आइए जानते हैं जरूरी सामग्री:
लहसुन अदरक हरी मिर्च प्याज हल्दी जीरा पाउडर सरसों तेल स्वादानुसार नमक
1. सबसे पहले साग को अच्छी तरह साफ करें, क्योंकि इसमें मिट्टी लगी होती है.
2. कढ़ाई में सरसों का तेल डालें और अदरक, लहसुन, प्याज को सुनहरा होने तक भूनें.
3. अब इसमें साग डालें, ऊपर से नमक, हल्दी और धनिया पाउडर मिलाकर ढक दें.
4. धीमी आंच पर 15 मिनट तक पकाएं. बीच-बीच में एक-दो बार चलाते रहें.
5. पकने के बाद इसका स्वाद गोलगप्पे जैसा खट्टा-मीठा लगता है.
आयुर्वेदाचार्य डॉ. वी. के. पांडे के अनुसार, घेनारी साग आयरन, पोटैशियम, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन A, B, C, E से भरपूर होता है. ये शरीर को ताकतवर बनाता है, खून की कमी दूर करता है, आंखों की रोशनी बढ़ाता है और शरीर को अंदर से साफ करता है.
रांची के हरमू इलाके की देवी बताती हैं कि उनके समाज में जब बेटी-दामाद आते हैं, तो घेनारी साग जरूर बनता है. ये एक सस्ता लेकिन सम्मानजनक पकवान माना जाता है, जिससे मेहमानों को विशेष महसूस कराया जाता है.
झटपट बनता है
स्वाद में बेहतरीन
सेहत के लिए फायदेमंद
कम खर्च में बेहतरीन पकवान
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