राम का अपमान, वाल्मीकि का अपमान! महर्षि वाल्मीकि जयंती पर योगी आदित्यनाथ का तीखा हमला

Valmiki Jayanti 2025: महर्षि वाल्मीकि जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला किया. राम का अपमान करने वालों को चेतावनी और वाल्मीकि समाज को सम्मान.

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उत्तर प्रदेश में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान राम का अपमान करते हैं, वे असल में महर्षि वाल्मीकि का अपमान कर रहे हैं, क्योंकि वाल्मीकि जी ने ही श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में स्थापित किया.

वाल्मीकि ने राम के आदर्श जीवन को दिखाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी लेखनी के माध्यम से लोक कल्याण और धर्म का मार्ग प्रशस्त किया. नारद से पूछे गए प्रश्न “कौन ऐसा चरित्रवान व्यक्ति है, जिसके जीवन पर मैं लिख सकूँ?” का उत्तर राम थे. योगी ने कहा कि राम के आदर्श जीवन में नैतिकता और धर्म का साक्षात रूप दिखाई देता है और जो लोग इसे चुनौती देते हैं, वे देश की संस्कृति और आस्था का अपमान कर रहे हैं.

वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी और उनके संदेश

इस अवसर पर कई वरिष्ठ मंत्री और नेता मौजूद रहे, जिनमें भूपेंद्र सिंह चौधरी, ब्रजेश पाठक, डॉ. दिनेश शर्मा और जयवीर सिंह शामिल थे. यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा सरकारों में दलित समाज के साथ भेदभाव और अत्याचार हुए, जबकि भाजपा सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर काम कर रही है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि वाल्मीकि समाज के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. कांग्रेस केवल वोट लेने में ही विश्वास करती थी, लेकिन वाल्मीकि समाज की भलाई कभी नहीं की. उन्होंने कहा कि सिर पर मैला ढोने की प्रथा को मोदी सरकार ने समाप्त किया.

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि वाल्मीकि समाज भाजपा के लिए सिर्फ मित्र नहीं बल्कि परिवार है. वहीं, मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि योगी सरकार दलित और वंचित समाज के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है और वाल्मीकि समाज को सम्मान और अवसर देने के लिए समर्पित है.

मुख्यमंत्री का संदेश

इस मौके पर मुख्यमंत्री का संदेश स्पष्ट था, राम का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और वाल्मीकि समाज के अधिकार और सम्मान को सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है.