अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने के बाद अब भारत के बेटे की ज़मीन पर वापसी की घड़ी आ गई है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 मिशन की उनकी टीम ने धरती की ओर लौटना शुरू कर दिया है। 22 घंटे की इस रोमांचक यात्रा के बाद, 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे उनके यान के कैलिफोर्निया तट पर सुरक्षित स्प्लैशडाउन की उम्मीद है। शुभांशु, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय हैं और इस मिशन के साथ भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष में अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई है।
वापसी की शुरुआत
शुभांशु और उनकी टीम ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान में बैठ चुके हैं।
यह यान अब ISS से अलग हो चुका है और धरती की ओर लौट रहा है।
यह यात्रा करीब 22 घंटे लंबी होगी।
यान के 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समय अनुसार) अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया तट पर पानी में स्प्लैशडाउन करने की उम्मीद है।
कौन-कौन थे मिशन में?
शुभांशु शुक्ला (भारत) – मिशन पायलट
पैगी व्हिटसन – मिशन कमांडर
स्लावोज उज्नान्स्की (पोलैंड) – मिशन विशेषज्ञ
टिबोर कापू (हंगरी) – मिशन विशेषज्ञ
मिशन की शुरुआत
यह मिशन 25 जून को शुरू हुआ था, जब फाल्कन-9 रॉकेट फ्लोरिडा से अंतरिक्ष में रवाना हुआ था।
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए चार दशक बाद अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक बना।
???????? भारत के लिए गौरव का क्षण
शुभांशु शुक्ला, विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
राकेश शर्मा 1984 में सोवियत मिशन से अंतरिक्ष गए थे।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा: "हमें बेटे पर बहुत गर्व है। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा इतना ऊंचा पहुंचेगा। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।"
अंतिम तैयारियां
14 जुलाई को दोपहर 2:37 बजे ड्रैगन यान का दरवाज़ा बंद कर दिया गया।
4:35 बजे अंतरिक्ष यान ने ISS से अलग होकर धरती की ओर यात्रा शुरू की।
सभी यात्री अपने स्पेस सूट पहनकर रवाना हो गए हैं।
अब पूरा देश 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की सुरक्षित वापसी का इंतज़ार कर रहा है।
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