पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए धार्मिक ग्रंथों और स्थलों की बेअदबी के मामलों में सख्त कानून को मंजूरी दे दी है. सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस कानून को हरी झंडी दिखा दी गई है. अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे लेकर व्यापक बहस और संभवतः एक कमेटी गठित की जाएगी। इस कानून के जरिए बेअदबी के दोषियों को उम्रकैद की सजा और पैरोल से भी वंचित किया जाएगा.
राज्य में लंबे समय से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों के खिलाफ सख्त कानून की मांग की जा रही थी। अब पंजाब सरकार ने इस पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए बिल को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अंतर्गत, उम्रकैद की सजा: किसी भी धार्मिक ग्रंथ या स्थल की बेअदबी करने वाले को उम्रकैद दी जाएगी.
विशेष अदालतें: इन मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी.
सभी धर्मों की राय के लिए गठित होगी कमेटी
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बिल को पेश करने के बाद एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करेगी जो सभी धर्मों के प्रतिनिधियों और आम लोगों की राय लेगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानून किसी एक समुदाय तक सीमित न होकर सभी धर्मों की भावनाओं की रक्षा करे.
सोमवार दोपहर 2 बजे से शुरू हो रहे विशेष सत्र में कई अहम विधेयक और प्रस्ताव पेश किए जाएंगे.
पंजाब राज्य विकास कर संशोधन विधेयक 2025
पंजाब विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक 2025
बाढ़ के खतरे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
बीज निगम लिमिटेड की रिपोर्ट पेश होगी
पारदर्शिता अधिनियम के अंतर्गत वित्त विभाग का आदेश
पंजाब सरकार का यह कदम राज्य में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और बेअदबी की घटनाओं पर लगाम लगाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है.
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