त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले रेलवे कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार, 24 सितंबर 2025 को रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) को मंजूरी दी. इस फैसले से देशभर के लगभग 11 लाख से अधिक कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा.
सरकार द्वारा जारी विवरण के अनुसार, इस साल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस दिया जाएगा. इसकी अधिकतम सीमा ₹17,951 प्रति कर्मचारी तय की गई है. कुल मिलाकर सरकार इस योजना पर लगभग 1,866 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह बोनस कर्मचारियों की उत्पादकता और प्रदर्शन से जुड़ा होता है और हर साल त्योहारी सीजन में दिया जाता है.
इस बोनस का फायदा रेलवे के कई वर्गों के कर्मचारियों को मिलेगा, जिनमें शामिल हैं:
1. ट्रैक मेंटेनर
2. लोको पायलट
3. ट्रेन मैनेजर (गार्ड)
4. स्टेशन मास्टर
5. सुपरवाइजर
6. टेक्नीशियन व टेक्नीशियन हेल्पर
7. पॉइंट्समैन
8. मिनिस्टीरियल स्टाफ
9. अन्य ग्रुप 'C' कर्मचारी
रेलवे कर्मचारी संगठनों ने बोनस की घोषणा का स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार से और भी बड़ी मांगें रखी हैं.
1. भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) का कहना है कि अभी तक बोनस की गणना छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन ₹7,000 के आधार पर होती है.
2. जबकि सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन ₹18,000 है. ऐसे में यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है.
3. अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ (AIRF) ने भी बोनस की गणना में पुराने वेतन ढांचे को हटाकर नए वेतन ढांचे के अनुसार संशोधन करने की मांग दोहराई है.
4. साथ ही, यूनियनों ने सरकार से आठवें वेतन आयोग की घोषणा करने की भी अपील की है.
त्योहारी सीजन के ठीक पहले लिया गया यह फैसला न केवल रेलवे कर्मचारियों की जेब मजबूत करेगा बल्कि बाजार में खपत और मांग को भी बढ़ावा देगा. हाल ही में सरकार ने कई उत्पादों पर GST दरों में कटौती की थी. ऐसे में बोनस का पैसा उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए आर्थिक गतिविधियों को और गति देगा.
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