दिल्ली इस समय बाढ़ के गंभीर संकट से गुजर रही है. 6 सितंबर 2025 को यमुना नदी का जलस्तर 205.91 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से 0.58 मीटर ऊपर है. इसका सीधा मतलब है कि यमुना का पानी खतरे की सीमा पार कर चुका है और निचले इलाकों में जलभराव शुरू हो गया है.
राजधानी के कई हिस्सों जैसे मयूर विहार, कश्मीरी गेट, अक्षरधाम, उत्तम नगर, जहांगीरपुरी और मुखर्जी नगर में पानी भरने की स्थिति है. यमुना किनारे बसे लोगों को अस्थायी आश्रयों में शिफ्ट किया गया है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 70 से ज्यादा परिवार टेंटों में रहने को मजबूर हैं. इस बार मानसून में औसत से 52% ज्यादा बारिश हुई है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं.
अगर आपके इलाके में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है, तो घबराने के बजाय कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाएं:
1. सुरक्षित जगह पर जाएं – घर में पानी घुसने लगे तो तुरंत परिवार के साथ किसी ऊंची जगह या राहत शिविर में शिफ्ट हो जाएं.
2. बिजली बंद करें – बिजली के उपकरणों को मेन स्विच से ऑफ कर दें ताकि करंट लगने का खतरा न रहे.
3. जरूरी सामान साथ रखें – दवाइयां, पहचान पत्र, कपड़े, खाने-पीने का सामान और पावर बैंक आदि एक बैग में पहले से तैयार रखें.
4. मच्छरों से बचाव – बाढ़ के पानी से मच्छर बढ़ जाते हैं, ऐसे में मच्छरदानी और फुल कपड़े पहनें ताकि बीमारियों से बचा जा सके.
आपदा के समय सही नंबर पर कॉल करना जीवन बचा सकता है.
आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन 1077 - बाढ़ या राहत संबंधी किसी भी जरूरत के लिए 24x7 उपलब्ध. यहां से आश्रय, खाना-पानी और रेस्क्यू की मदद मिलती है.
दिल्ली जल बोर्ड हेल्पलाइन 1916 - जलभराव, सीवर ब्लॉकेज या पानी की निकासी रुकने जैसी समस्याओं के लिए. शिकायत दर्ज करने के बाद SMS के जरिए रेफरेंस नंबर भी मिलता है.
शिकायत पोर्टल नंबर 311 - सड़क टूटने, नाले खुले रहने, सफाई न होने या कचरा जमा होने जैसी समस्याओं के लिए. यहां से आपकी शिकायत संबंधित विभाग तक पहुंचाई जाती है.
दिल्ली में यमुना का बढ़ता जलस्तर राजधानी के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे हालात में सतर्क रहना और समय पर सही कदम उठाना ही सबसे बड़ा बचाव है.
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