Yogi Adityanath: नगर विकास की बैठक में क्या हुआ ऐसा कि अब स्मार्ट सिटी सपना नहीं हकीकत लगेगा?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए भविष्य की योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। बैठक में ई-बस परिवहन, स्मार्ट पार्किंग, म्युनिसिपल बॉण्ड, स्मार्ट नगरपालिका परिषद, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले हो

feature

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 अप्रैल 2025 को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए नगरों के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक का उद्देश्य नगरीय सेवाओं को अधिक सक्षम, स्मार्ट और पर्यावरण अनुकूल बनाना था।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण हितैषी ईंधन पर आधारित इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन देने से नगरीय परिवहन व्यवस्था बेहतर हुई है। वर्तमान में प्रदेश के 15 नगरों में 700 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं और इनकी संख्या बढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष से अधिक पुरानी डीजल/सीएनजी बसों को हटाकर ई-बसों को लाया जाए। निजी ई-बस संचालकों को सेवा का अवसर दिया जाए और इनके रूट व पार्किंग की व्यवस्था भी की जाए, जिससे समीपस्थ कस्बों से शहरों का बेहतर जुड़ाव हो सके।

शहरी क्षेत्रों में पार्किंग एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। मुख्यमंत्री ने मांग, समय और स्थान के अनुसार स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था को लागू करने, शुल्क में समरूपता लाने और अवैध वसूली रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मासिक पास जैसी सुविधा से स्थानीय दुकानदारों व कर्मचारियों को राहत मिलेगी।

विज्ञापन होर्डिंग्स के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड को प्राथमिकता देने, अवैध होर्डिंग्स को हटाने और एकरूप नियामवली तैयार करने पर भी बल दिया गया। इससे न केवल नगरीय सौंदर्य में वृद्धि होगी, बल्कि निकायों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

राज्य सरकार की योजना है कि सभी जिला मुख्यालयों के नगरीय निकायों को स्मार्ट नगर पालिका परिषद में बदला जाए। इन स्मार्ट परिषदों में डिजिटल गवर्नेंस, प्रदूषण मॉनीटरिंग, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट लाइटिंग, डिजिटल लाइब्रेरी, वेंडिंग ज़ोन जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। इसके लिए बजट आवंटित किया जा चुका है।

बैठक में मथुरा-वृंदावन में ‘कृष्ण लोक पार्क’ और अयोध्या में ‘लव कुश पार्क एवं श्रीपुरुषोत्तम दर्शन अनुभव केन्द्र’ की स्थापना की योजना पर भी चर्चा हुई, जो वेस्ट मैटेरियल और धातु अपशिष्ट से बनाए जाएंगे। प्रयागराज के ‘शिवालिक पार्क’ की तर्ज पर ये पार्क धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी नगर निकाय अपनी आय बढ़ाने के प्रयास करें। लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद के बाद अब वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, मेरठ और कानपुर नगर निगम म्युनिसिपल बॉण्ड जारी करेंगे, जिससे अधोसंरचना विकास को नई गति मिलेगी।

अंत में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बरसात शुरू होने से पहले सभी नगरीय निकाय ड्रेनेज व्यवस्था को सुधार लें और जलभराव से बचाव के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाएं।

संबंधित ख़बरें