बिहार इस समय भीषण बाढ़ की मार झेल रहा है. राज्य के कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके कारण हजारों परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं. खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं और लोगों का जीवन-यापन बेहद कठिन हो गया है. ऐसी गंभीर स्थिति में जब आम लोग भोजन, दवाइयों और जरूरी सामान की कमी से जूझ रहे हैं, तब आह्वान फाउंडेशन जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है.
आह्वान फाउंडेशन ने प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है. संस्था की टीम बाढ़ प्रभावित गांवों और कस्बों तक पहुंचकर लोगों को राशन, पीने का पानी, दवाइयां और अन्य ज़रूरी सामान उपलब्ध करा रही है. कई स्थानों पर मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं, जहां बीमार और घायल लोगों का इलाज किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने संस्था की इस त्वरित मदद की सराहना करते हुए कहा कि कठिन समय में आह्वान फाउंडेशन ने उन्हें बड़ी राहत दी है.
फाउंडेशन के प्रमुख नितेश कुमार ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि कोई भी बाढ़ पीड़ित भूखा या असहाय न रहे. उन्होंने कहा कि उनकी टीम दिन-रात प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मदद पहुंचा रही है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि संस्था हर संभव संसाधन जुटाकर लोगों के साथ खड़ी रहेगी.
आह्वान फाउंडेशन की यह पहल केवल राहत सामग्री पहुंचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल भी है. जब सरकारी मदद कई बार समय पर नहीं पहुंच पाती, ऐसे में गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं की भूमिका और भी अहम हो जाती है. आह्वान फाउंडेशन ने साबित कर दिया है कि आपदा के समय सिर्फ शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से भी लोगों का साथ देना चाहिए.
बाढ़ की मार झेल रहे बिहार के लोगों के लिए यह पहल एक नई उम्मीद है. आह्वान फाउंडेशन का प्रयास सिर्फ राहत सामग्री पहुंचाना ही नहीं, बल्कि पीड़ित परिवारों में आत्मविश्वास और साहस जगाना भी है. यह काम संस्था की सामाजिक सेवा और मानवता के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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