राजद से निष्कासित और परिवार से अलग-थलग चल रहे तेज प्रताप यादव ने राजनीति में नई राह चुन ली है. अब उन्होंने खुद को एक स्वतंत्र आवाज के रूप में पेश करते हुए वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. खास बात ये है कि वो अब अपनी पहचान भी बदल चुके हैं. राजद की हरी टोपी छोड़कर तेज प्रताप अब पीली टोपी में नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप ने अपने नए मंच का नाम रखा है 'टीम तेज प्रताप यादव'. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जहां युवाओं, बेरोजगारों और समाज के हर वर्ग को जुड़ने का मौका मिलेगा. उनका दावा है कि यह टीम जनता तक सीधा संवाद करेगी और जनसमस्याओं को प्राथमिकता देगी.
तेज प्रताप का कहना है कि उन्हें सत्ता की चाह नहीं, बल्कि युवाओं, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करना है. उन्होंने यह भी इशारा दिया कि अगर कोई सरकार इन मुद्दों को प्राथमिकता देगी, तो वे बिना शर्त उसके समर्थन में खड़े होंगे. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.
#WATCH | Patna, Bihar: Former state minister Tej Pratap Yadav says, "Team Tej Pratap Yadav is a platform to reach the people... This time, Uncle (Nitish Kumar) will not become the Chief Minister. Whoever's government is formed, if they talk about youth, employment, education, and… pic.twitter.com/gpb8cJK2e9
— ANI (@ANI) July 26, 2025
तेज प्रताप ने 2015 में पहली बार महुआ से ही विधायक बनकर राजनीति में कदम रखा था. 2020 में उन्होंने समस्तीपुर के हसनपुर से चुनाव लड़ा और जीते. अब फिर से वह अपने पुराने गढ़ महुआ की ओर लौट रहे हैं. फिलहाल यहां से राजद के मुकेश रौशन विधायक हैं.
हाल ही में अनुष्का यादव से जुड़े विवाद और सोशल मीडिया पोस्ट्स के कारण तेज प्रताप को राजद से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने अपनी बहनों और पार्टी से भी सोशल मीडिया पर दूरी बना ली है. अब वह केवल पिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी और भाई तेजस्वी सहित छह लोगों को ही फॉलो कर रहे हैं.
तेज प्रताप ने ऐलान किया है कि 31 जुलाई को महुआ में उनका एक बड़ा कार्यक्रम होगा. हालांकि अभी पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन 'टीम तेज प्रताप' के जरिए वे अपनी राजनीतिक जमीन फिर से तैयार करने में जुट गए हैं. राजनीति से निष्कासन के बाद, तेज प्रताप का ये कदम बिहार की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा करेगा.
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