रंग-बिरंगी पैकिंग, मीठा स्वाद और विज्ञापनों का असर – यही वजह है कि छोटे बच्चे चॉकलेट और कैंडीज देखकर खुद को रोक नहीं पाते. घरों में बच्चों की जिद पूरी करने के लिए अक्सर माता-पिता उन्हें चॉकलेट थमा देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही मीठा स्वाद धीरे-धीरे बच्चों की सेहत को खोखला कर सकता है? डॉक्टरों का कहना है कि यह आदत बचपन में ही कई गंभीर बीमारियों की नींव रख देती है.
चीनी की अधिक मात्रा: एक छोटी सी कैंडी में भी कई चम्मच चीनी छिपी होती है, जो ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ाती है. कृत्रिम रंग और फ्लेवर: इन्हें स्वाद और लुक्स बेहतर बनाने के लिए मिलाया जाता है, लेकिन ये बच्चों में एलर्जी और हाइपरएक्टिविटी का कारण बन सकते हैं. ट्रांस फैट और ऑयल: ये दिल और लिवर के लिए हानिकारक साबित होते हैं. प्रिज़र्वेटिव: लंबे समय तक स्टोर करने के लिए मिलाए गए रसायन बच्चों के शरीर पर नकारात्मक असर डालते हैं.
1. दांतों की सड़न: शुगर मुंह में बैक्टीरिया को एक्टिव कर एसिड बनाती है, जिससे एनामेल कमजोर होता है.
2. बचपन का मोटापा: हाई कैलोरी और कम न्यूट्रिएंट्स वाली चॉकलेट तेजी से वजन बढ़ाती है.
3. टाइप-2 डायबिटीज का खतरा: ज्यादा शुगर से इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित हो सकता है.
4. पाचन समस्याएं: फाइबर की कमी और फैट की अधिकता से अपच और पेट दर्द की समस्या.
5. कमजोर इम्यूनिटी: अधिक चीनी से शरीर संक्रमण से लड़ने की क्षमता खो देता है.
6. हाइपरएक्टिविटी: आर्टिफिशियल एडिटिव्स बच्चों में चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी बढ़ाते हैं.
चॉकलेट और कैंडी खाने के तुरंत बाद बच्चों को एनर्जी का अहसास होता है, लेकिन थोड़ी ही देर में थकान और चिड़चिड़ापन आ जाता है. यही “शुगर हाई और लो” बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालता है. लंबे समय में यह हार्मोनल असंतुलन, हड्डियों की कमजोरी और क्रॉनिक बीमारियों तक ले जा सकता है.
चॉकलेट रोजाना न दें, सिर्फ कभी-कभी दें. घर में हेल्दी स्नैक्स जैसे फल, ड्राई फ्रूट्स या घर पर बनी डार्क चॉकलेट ऑफर करें. बच्चों को मीठा खाने के बाद पानी पिलाएं और ब्रश की आदत डालें. पैक्ड फूड खरीदते समय लेबल पर शुगर और फैट की मात्रा ज़रूर देखें.
चॉकलेट और कैंडी का स्वाद बच्चों के चेहरे पर मुस्कान जरूर लाता है, लेकिन इनका अधिक सेवन धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है. माता-पिता को चाहिए कि बचपन से ही बच्चों में संतुलित आहार और सीमित मीठा खाने की आदत डालें. यही सही समय है जब हम बच्चों की मीठी चाहत को हेल्दी विकल्पों में बदल सकते हैं.
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं. किसी भी तरह की समस्या होने पर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)
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