Pranit More In Bigg Boss 19: जिंदगी में हर इंसान अपनी-अपनी लड़ाई लड़ता है, लेकिन कुछ लोग अपने हौसले से दूसरों को भी जीने का रास्ता दिखा देते हैं. बिग बॉस 19 के फाइनलिस्ट प्रणित मोरे की कहानी भी ऐसी ही है- सीधी-सादी जिंदगी से उठकर बड़े मंच तक पहुंचने की.
प्रणित का बचपन मुंबई के दादर की एक चॉल में बीता. उनके पिता बेस्ट बस में कंडक्टर थे. परिवार भले ही बड़ा न था, लेकिन जिंदगी शांत चल रही थी. तभी एक हादसे ने सब बदल दिया. उनके पिता के पैर में गंभीर चोट लगी और नौकरी चली गई. नौकरी जाने के बाद परिवार पर आर्थिक दबाव बढ़ गया. मजबूरी में उन्हें दादर से नवी मुंबई शिफ्ट होना पड़ा। नया घर लेना मुश्किल था, इसलिए किराए के घर में रहना पड़ा.
हालात सुधारने के लिए प्रणित के माता-पिता ने छोटे पैमाने पर टिफिन सर्विस शुरू की. उस समय प्रणित पढ़ाई भी करते थे और घर-घर टिफिन भी पहुंचाते थे. स्थिति और खराब तब हुई जब उनके पिता ने एक नया काम शुरू किया, लेकिन उसमें नुकसान हो गया. घर और दुकान दोनों बेचने पड़े. इन मुश्किल दिनों में प्रणित के मन में सिर्फ एक सपना था-एक दिन अपनी मां के लिए खुद का घर खरीदना.
स्कूल खत्म होने के बाद प्रणित ने पहली नौकरी एक कार सेल्समैन के रूप में की. काम आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी निभाई. धीरे-धीरे उन्हें लोगों से बात करना, समझना और खुद को बेहतर बनाना आया. उन्हीं दिनों कॉलेज के एक प्रोफेसर ने उन्हें स्टैंड-अप कॉमेडी और आरजे बनने की सलाह दी. प्रणित ने कोशिश की और यह फैसला उनकी जिंदगी बदलने वाला साबित हुआ.
प्रणित का कॉमेडी करियर तेजी से आगे बढ़ा. महाराष्ट्र ही नहीं, देश के कई हिस्सों में उनके शो फुल हाउस होने लगे. बिग बॉस में आने से ठीक पहले उन्होंने वह सपना पूरा किया जिसका वादा उन्होंने बचपन में खुद से किया था. अपने माता-पिता के लिए खुद का घर खरीदना. उनकी मां चाहती थीं कि गांव में छोटा-सा घर बने, लेकिन प्रणित उन्हें अपने पास ही रखना चाहते थे. इसलिए उन्होंने मुंबई में ही घर लिया.
लंबे संघर्ष, मेहनत और लगातार कोशिशों के बाद प्रणित आज बिग बॉस 19 के फाइनल में हैं. उनकी कहानी बताती है कि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों, अगर हिम्मत न टूटे तो रास्ता जरूर बनता है. अब दर्शकों की नजर इस बात पर है कि क्या प्रणित मोरे इस सीजन की ट्रॉफी अपने नाम करने में सफल होंगे या नहीं.
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