टेक इंडस्ट्री में एक ऐसा घोटाला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोहम पारेख ने अमेरिका की 34 स्टार्टअप कंपनियों में एक साथ फुल-टाइम नौकरी करके न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाईं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री को सोचने पर मजबूर कर दिया. यह मामला तब सामने आया जब Mixpanel के फाउंडर सुहैल दोशी ने सोशल मीडिया पर इसका खुलासा किया.
दोशी ने बताया कि उन्होंने सोहम को हायर किया, लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही उसकी धोखाधड़ी पकड़ में आ गई और उसे निकालना पड़ा. इसके बाद कई स्टार्टअप फाउंडर्स सामने आए और बताया कि उन्होंने भी सोहम को हायर किया था या उसके साथ इंटरव्यू लिया था. लेकिन वह पहले से ही अन्य कंपनियों में काम कर रहा था.
AI स्टार्टअप Create के को-फाउंडर ध्रुव अमीन ने बताया कि सोहम शुरुआत में अच्छा परफॉर्म कर रहा था. फिर बहानेबाजी शुरू हुई, मीटिंग्स मिस करने लगा और पता चला कि वह एक और कंपनी Sync में भी काम कर रहा था. जब उससे पूछा गया तो उसने इनकार कर दिया, लेकिन "एम्प्लॉयी ऑफ द मंथ" वीडियो में उसका चेहरा दिख गया.
जब मामला सुर्खियों में आया, तब सोहम पारेख ने खुद The Backchannel Podcast (TBPN) पर आकर सारा सच स्वीकार किया. उन्होंने कहा, “हां, मैंने एक साथ कई कंपनियों में काम किया. मुझे इस पर गर्व नहीं है लेकिन हालात ऐसे थे. मैंने सारे काम खुद किए, कोई AI या बाहरी मदद नहीं ली.”
सोहम ने यह भी दावा किया कि उसने 2022 में जॉर्जिया टेक में दाखिला लिया था, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसकी बातों से इनकार कर दिया. इसके बावजूद वह आज San Francisco की AI कंपनी Darwin में नौकरी कर रहा है.
यह कहानी सिर्फ एक धोखेबाज इंजीनियर की नहीं, बल्कि रिमोट वर्क और स्टार्टअप हायरिंग सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करती है. बिना ठोस बैकग्राउंड चेक के हायरिंग, तेज़ी से स्केल करने का दबाव और वर्क कल्चर में आई गिरावट पर यह एक गंभीर सवाल खड़ा करती है.
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