पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को एक बड़ी पहल की शुरुआत की, जिसके तहत अब राज्य में सभी वाहन-संबंधी सेवाएं ऑनलाइन या सेवा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध होंगी। इस योजना का उद्देश्य जनता को सुविधा देना और भ्रष्टाचार, बिचौलियों व लंबी प्रक्रियाओं से मुक्ति दिलाना है।
इस डिजिटल बदलाव के तहत अब कुल 56 सेवाएं लोगों को ऑनलाइन मिलेंगी। इनमें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी), वाहन फिटनेस टेस्ट, और चालान का भुगतान जैसी प्रमुख सेवाएं शामिल हैं। ये सेवाएं 544 सेवा केंद्रों और 1076 हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी।
पहले लोगों को दस्तावेजों के सत्यापन और प्रक्रिया पूरी करने के लिए आरटीओ दफ्तर या साइबर कैफे के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। लंबी कतारें, एजेंटों की परेशानी और रिश्वतखोरी आम बात थी। लेकिन अब नागरिक घर बैठे या नजदीकी सेवा केंद्र जाकर आसानी से यह सभी कार्य कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से एक परिवहन कार्यालय पर ताला लगाकर यह घोषणा की कि अब पंजाब में भ्रष्टाचार और बिचौलियों का दौर खत्म हो गया है। उन्होंने कहा,
"हम उन लोगों के संघर्ष को समाप्त कर रहे हैं जो लाइसेंस या आरसी के लिए घंटों कतारों में खड़े रहते थे और एजेंटों को पैसे देते थे।"
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। उन्होंने इस पहल को “आम आदमी को सशक्त बनाने वाली डिजिटल क्रांति” बताया और कहा कि अब लोगों को भ्रष्टाचार और असुविधा से मुक्ति मिल गई है।
मुख्यमंत्री मान ने साफ किया कि इससे सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि योग्य कर्मचारियों को उनके अनुभव के आधार पर दोबारा नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2024-25 में 29 लाख आवेदन आए थे, जिनमें 20 लाख आरसी और 9 लाख लाइसेंस के लिए थे।
नई प्रणाली को अपनाने में नागरिकों को परेशानी न हो, इसके लिए पहले 15 दिनों तक आरटीओ दफ्तरों में सहायता डेस्क लगाए जाएंगे ताकि लोग नई प्रक्रिया को आसानी से समझ सकें।
दूसरी ओर, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई को “दुष्प्रचार” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम जनता को गुमराह करने और सरकारी संपत्तियों को बेचने की तैयारी है।
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