पंजाब की सीमाओं पर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के ज़रिए नशा और हथियार भेजने की साजिशें अब नाकाम होती जा रही हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार ने नशा तस्करी पर जो युद्ध छेड़ा है, वह अब ज़मीन पर असर दिखा रहा है. भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने ड्रोन के नेटवर्क को बर्बाद कर दिया है और अब सीमापार से आने वाले ड्रोन की संख्या लगातार घट रही है.
जहां पहले सिर्फ आंकड़े आते थे, अब ज़मीन पर कार्रवाई हो रही है. नशे के खिलाफ लड़ाई अब भाषणों से नहीं, बल्कि एंटी-ड्रोन तकनीक और स्थानीय निगरानी नेटवर्क के ज़रिए लड़ी जा रही है.
बीते वर्षों के आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि मान सरकार की रणनीति ने ड्रोन नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है. 2019 में पकड़े गए ड्रोन- 2, 2020 में: 7, 2021 में: 1, मान सरकार के आने के बाद- 2022 में: 28, 2023 में: 121, 2024 में: 294, 2025 में (15 जुलाई तक): 138. कुल जब्त ड्रोन (2022 से अब तक): 591.
22 हजार से ज़्यादा तस्कर गिरफ्तार
पंजाब पुलिस ने 22,000 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है. नशे के खिलाफ यह लड़ाई अब आंकड़ों से कहीं आगे बढ़ चुकी है – यह पंजाब की युवा पीढ़ी को बचाने की मुहिम बन चुकी है. हेरोइन, हथियार और विस्फोटक की भारी खेप बरामद, ड्रोन से गिराई गई खेपें हैरान करने वाली हैं. 932 किलो से अधिक हेरोइन, 263 पिस्तौल, 14 AK-47 राइफल, 66 हैंड ग्रेनेड, करीब 15 किलो RDX. इतनी भारी मात्रा में मादक पदार्थ और हथियार कभी एक साथ पहले नहीं पकड़े गए थे.
पंजाब सरकार ने 596 सीमावर्ती गांवों में स्थानीय नागरिकों, रिटायर्ड फौजियों और पुलिसकर्मियों की मदद से 24x7 निगरानी सिस्टम तैयार किया है। हर गांव को तीन श्रेणियों में बांटकर उसकी सुरक्षा, संदिग्ध व्यक्तियों और रोड नेटवर्क का डिजिटल डाटा तैयार किया गया है. अब हर गांव में बीट ऑफिसर पूरी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखता है और रक्षक टीमों को व्हाट्सएप के ज़रिए जोड़ा गया है.
51 करोड़ रुपये की लागत से 9 अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे गए हैं. इनकी तैनाती गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में की जा रही है. BSF और पंजाब पुलिस मिलकर तकनीकी विश्लेषण, फॉरेंसिक और संचार ट्रैकिंग के ज़रिए हर ड्रोन को ट्रेस कर रही हैं.
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