पंजाब CM भगवंत मान की छवि को धूमिल करने वाले AI VIDEO मामले में NRI पर FIR

पंजाब स्टेट साइबर क्राइम सेल ने कनाडा में रहने वाले NRI जगमन समर के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरोप है कि उसने AI की मदद से एडिटेड वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए, जिनका उद्देश्य मुख्यमंत्री भगवंत मान की छवि को खराब करना था।

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मोहाली के फेज-4 स्थित पंजाब स्टेट साइबर क्राइम सेल ने एक NRI के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिस पर आरोप है कि उसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एडिटेड वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। इन वीडियो का उद्देश्य मुख्यमंत्री भगवंत मान की छवि को गलत तरीके से पेश करना था। एफआईआर नंबर 22/2025 के तहत यह मामला इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह द्वारा दर्ज कराया गया।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी जगमन समर फिलहाल कनाडा में रह रहा है। उसने अपने फेसबुक अकाउंट से कई AI जनरेटेड वीडियो पोस्ट किए। ये वीडियो भ्रामक और आपत्तिजनक थे और सीधे मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक सामग्री पेश कर रहे थे।

सोशल मीडिया मॉनिटरिंग ने पकड़ा मामला

पंजाब पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट ने इस मामले को जल्दी पकड़ा। तकनीकी जांच में पता चला कि आरोपी ने वीडियो फेसबुक रील्स और स्टोरीज़ के ज़रिए पोस्ट किए थे और उनके आईपी एड्रेस विदेश से जुड़े थे। इससे पता चलता है कि पंजाब सरकार और उसकी साइबर टीम समय रहते ही ऐसी गलत गतिविधियों को रोकने में सक्षम हैं।

साइबर क्राइम पुलिस कर रही पूरी छानबीन

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत FIR दर्ज की है। पंजाब साइबर क्राइम पुलिस अब आरोपी के डिजिटल फुटप्रिंट्स, आईपी लोकेशन और संभावित सहयोगियों की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और किसी भी प्रकार की झूठी या भ्रामक सामग्री को बख्शा नहीं जाएगा।

AI फोरेंसिक जांच और सतर्कता

साइबर जांच अधिकारी ने बताया कि वीडियो की फोरेंसिक जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि AI का इस्तेमाल किस स्तर तक हुआ और क्या यह किसी संगठित दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा था। पंजाब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल नहीं बर्दाश्त किया जाएगा और मुख्यमंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि है।

समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश असफल

अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक नेताओं के खिलाफ गलत AI सामग्री बनाना न केवल अपराध है, बल्कि समाज में भ्रम और अस्थिरता फैलाने का प्रयास भी है। पंजाब पुलिस ने पूरे मामले को संवेदनशील श्रेणी में रखा है और यह सुनिश्चित किया है कि नागरिकों और नेताओं की सुरक्षा बनी रहे।