लुधियाना नगर निगम के जोन-D कार्यालय में 1 अगस्त को बड़ा हंगामा हो गया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद मेयर इंद्रजीत कौर से मुलाकात करने पहुंचे। ये पार्षद अपने-अपने वार्डों में विकास कार्य न होने की शिकायत लेकर गए थे। लेकिन बात बिगड़ गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
घटना के बाद थाना डिवीजन नंबर-5 में भाजपा के कई पार्षदों और समर्थकों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कुलवंत सिंह कांती, विशाल गुलाटी, जतिंदर गोरयन, मुकेश खत्री और गौरवजीत गोरा के नाम केस में शामिल किए हैं। इनके अलावा 20 अज्ञात लोगों पर भी कार्रवाई की गई है। SHO बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि यह मामला गंभीर है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
मेयर कार्यालय में तैनात कर्मचारी सौदागर सिंह की शिकायत के अनुसार, भाजपा पार्षद पहले से तय समय पर मिलने आए थे। लेकिन बातचीत के दौरान बहस शुरू हो गई और पार्षदों ने मेयर से ऊंची आवाज़ में बात की। आरोप है कि जब मेयर किसी सार्वजनिक बैठक के लिए जा रही थीं, तो उन्हें जबरन रोकने की कोशिश की गई और उनकी ड्यूटी में बाधा डाली गई।
हंगामे के दौरान भाजपा पार्षदों और समर्थकों ने नारेबाजी भी की और स्थिति और बिगड़ गई। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने पार्षदों को कार्यालय से बाहर निकाला। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने मेयर कार्यालय के बाहर धरना दे दिया और कहा कि जब तक मेयर माफी नहीं मांगेंगी, वे धरना जारी रखेंगे।
इस पूरे विवाद पर भाजपा ज़िला अध्यक्ष रजनीश धीमान ने कहा कि पार्षद जनता की परेशानियों को लेकर शांतिपूर्वक बातचीत करने गए थे। अगर FIR दर्ज करनी है, तो मेयर पर भी होनी चाहिए क्योंकि वह खुद धरने में मौजूद थीं। भाजपा हमेशा जनता की आवाज़ उठाती रही है और आगे भी पीछे नहीं हटेगी।
दूसरी ओर, मेयर इंद्रजीत कौर ने सफाई दी कि मीटिंग शांतिपूर्वक चल रही थी और अधिकारियों को समस्याएं हल करने के निर्देश दिए जा रहे थे। लेकिन भाजपा के कुछ पार्षदों ने अचानक ऊंची आवाज में बोलना शुरू कर दिया। शोर सुनकर सुरक्षा कर्मी अंदर आए, जिससे भाजपा पार्षदों ने विवाद खड़ा कर दिया। मेयर का कहना है कि उनकी ओर से किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया गया।
इस विवाद के बाद लुधियाना की सियासत गरमा गई है और अब सभी की निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं।
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