शनिवार को दिल्ली में उत्तर भारत के बिजली मंत्रियों की बैठक थी, लेकिन असली तूफान तब आया जब पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ETO ने माइक संभाला. सामने बैठे थे केंद्र सरकार के पावरफुल मंत्री मनोहर लाल खट्टर और साथ में मौजूद थे. हरियाणा, हिमाचल, यूपी, राजस्थान से लेकर लद्दाख तक के मंत्री. पर जब बात पंजाब की बिजली की आई, तो हरभजन सिंह ने सीधे 3 नए थर्मल प्लांट्स (800-800 मेगावाट) की मांग ठोंक दी.
हरभजन सिंह ने साफ-साफ कहा- 'पंजाब के पास अपनी कोयले की खानें हैं, लेकिन केंद्र सरकार की 1000 किलोमीटर की ढुलाई सीमा ने विकास को जंजीरों में जकड़ रखा है.' मंत्री ने मांग की कि ये सीमा 1500 किलोमीटर तक बढ़ाई जाए.
केंद्रीय मंत्री खट्टर ने रोपड़ थर्मल प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए दो और यूनिट्स को हरी झंडी दे दी. साथ ही एक नया 800 मेगावाट यूनिट भी मंजूर हो गया. यानी अब पंजाब में जल्द ही 2400 मेगावाट बिजली और जुड़ने वाली है.
सोलर पर भी चोट- 'पंजाब की ज़मीन महंगी है भैया!' बैठक में जब सोलर एनर्जी की बात आई तो ईटीओ बोले- "आपने 7000 मेगावाट का लक्ष्य दिया है, लेकिन पंजाब में ज़मीन सोने के भाव है! इसलिए पंजाब सरकार किसी पड़ोसी राज्य में सोलर पार्क लगाने का प्लान बना रही है, जिससे बिजली वहीं से ट्रांसफर की जा सके.
धान सीजन से पहले 1000 मेगावाट की डिमांड, बोले- ‘किसानों को ना भूला जाए!’ हरभजन सिंह ने धान सीजन की चिंता भी सामने रखी. "देश का अन्नदाता पंजाब है, फिर बिजली के लिए भीख क्यों मांगे?" केंद्र से 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग रखी गई ताकि खेतों में पंप समय पर चलें, और फसलें सूखने से बचें.
ETO ने बताया कि 100 MVA के ट्रांसफार्मर को 160 MVA में अपग्रेड करने की मंजूरी मिल चुकी है, पैसा भी पंजाब देगा – लेकिन फिर भी प्रोजेक्ट लटका हुआ है. उन्होंने कहा – "ये देरी तकनीकी नहीं, राजनीतिक है… और हम अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे!'
3600 करोड़ के बिजली प्रोजेक्ट में कटौती, पंजाब को 300 करोड़ का झटका! ETO ने R.D.S.S. योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि "पहले 60 फीसदी ग्रांट देने की बात थी, अब उसे 40 कर दिया गया है! इस घटबढ़ में पंजाब को 300 करोड़ का नुकसान हो रहा है." उन्होंने नई शर्तों पर मंजूरी की मांग की.
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