पंजाब में इन दिनों बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कई दिनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। खासकर रावी नदी और उसके आसपास के इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं। गुरदासपुर, डेरा बाबा नानक और दीनानगर जैसे क्षेत्रों में पानी भर जाने से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कई घरों, दुकानों और खेतों में पानी घुस चुका है। लोग अपने मवेशी और घरेलू सामान तक छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं।
इसी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक अहम फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि पंजाब के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूलों को 3 सितंबर 2025 तक बंद रखा जाएगा। इससे पहले 31 अगस्त तक छुट्टी घोषित की गई थी, लेकिन बाढ़ की स्थिति न सुधरने के कारण छुट्टी की अवधि को तीन दिन और बढ़ा दिया गया है। सरकार ने अभिभावकों और बच्चों से अपील की है कि वे सुरक्षा को सबसे पहले रखें और प्रशासन द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन करें।
बाढ़ से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूलों को भी झेलनी पड़ी है। कई स्कूलों में पानी भर जाने से कक्षाओं और मैदानों में गंदगी फैल गई है। कुछ जगहों पर तो स्कूल भवनों के अंदर कई फीट पानी जमा हो गया था। मिट्टी और मलबा भर जाने के कारण पढ़ाई का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया है। इसी वजह से अभिभावक भी लगातार मांग कर रहे थे कि स्कूलों को तब तक बंद रखा जाए जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते।
अब सीएम भगवंत मान के आदेश के बाद यह तय हो गया है कि पूरे पंजाब के बच्चे 3 सितंबर तक स्कूल नहीं जाएंगे। इस दौरान प्रशासन राहत और सफाई कार्य पर जोर देगा, ताकि बच्चों को जब स्कूल बुलाया जाए तो सुरक्षित और साफ माहौल मिल सके।
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