हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और पौंग व भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण पंजाब की नदियां उफान पर हैं। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ छोटी मौसमी नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। इस हालात को देखते हुए पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, कपूरथला, होशियारपुर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के अधिकारियों को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर होशियारपुर और टांडा क्षेत्र में बाढ़ ने गंभीर रूप ले लिया है। स्थानीय प्रशासन ने 28 अगस्त तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है।
ब्यास नदी में आए तेज उफान से 35 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। खेतों में धान और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गईं। कई गांव जैसे गंधोवाल, रारा मंड, तल्ही, सलेमपुर और मेवा मियानी पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोलियन गांव में तो लगभग सभी घर पानी में डूब गए, जिससे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। एनजीओ की मदद से मोटरबोट द्वारा 60-70 महिलाओं और बच्चों को निकाला गया।
कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र के आहली कलां गांव में एक अस्थायी बांध टूट गया। ग्रामीण कई दिनों से दिन-रात मेहनत कर बांध को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तेज बारिश और नदी के दबाव के कारण बांध टूट गया। इसके बाद 35 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और 36,000 एकड़ से ज्यादा फसल तबाह हो गई।
पंजाब के जल संसाधन मंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बाढ़ से बचाव के लिए 276 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और प्रभावित इलाकों में राहत शिविर लगाए गए हैं। वहां भोजन, पानी, दवाइयाँ और मच्छरदानियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस बीच, अमृतसर के मजीठ मंडी इलाके में भारी बारिश के कारण एक तीन मंजिला पुरानी इमारत ढह गई। गनीमत रही कि इमारत खाली थी, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, इस घटना से लोगों में अन्य पुरानी इमारतों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
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