नोएडा की 26 वर्षीय निक्की भाटी की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। निक्की को उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर ज़िंदा जला दिया। यह घटना केवल हत्या की नहीं, बल्कि सालों से चली आ रही यातना और प्रताड़ना की कहानी है।
निक्की की शादी बहुत कम उम्र में, मात्र 18 साल की उम्र में विपिन भाटी से हुई थी। शादी के समय लड़की के परिवार ने स्कॉर्पियो गाड़ी, मोटरसाइकिल और सोने के गहने दिए थे। इसके बावजूद भाटी परिवार लगातार और दहेज की मांग करता रहा। मांग इतनी बढ़ गई कि वे 36 लाख रुपये नकद और एक लग्जरी कार तक चाहते थे।
निक्की का पति विपिन पहले से ही हिंसक स्वभाव का था। 2024 में एक और महिला ने उस पर मारपीट और शोषण का केस दर्ज कराया था। उस समय भी निक्की और उसकी बहन ने विपिन को उस महिला के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया था। झगड़े के बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
निक्की और उसकी बहन कंचन मिलकर एक ब्यूटी पार्लर चलाती थीं और सोशल मीडिया पर मेकओवर से जुड़ी रीलें बनाती थीं। उनके पति विपिन और रोहित (कंचन का पति) को यह पसंद नहीं था। कई बार यह मामला झगड़े तक पहुँचा और यहां तक कि पंचायत में भी गया।
21 अगस्त को यह विवाद अपनी हद पर पहुँच गया। निक्की को बेरहमी से पीटा गया, उस पर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया और आग लगा दी गई। 70 प्रतिशत जलने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। निक्की की बहन कंचन ने इस पूरी घटना का वीडियो अपने फोन पर रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है।
घटना के बाद निक्की का पति विपिन, उसकी माँ, पिता और भाई – सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय विपिन भागने की कोशिश कर रहा था, तभी पुलिस की गोली से घायल हो गया।
निक्की के पिता भिखारी सिंह का कहना है कि वे वर्षों से बेटी की मांग पर पैसे देते रहे, ताकि घर में शांति बनी रहे। कभी 20 हजार, कभी 50 हजार तक भी उन्होंने दिया, लेकिन अत्याचार खत्म नहीं हुए।
यह पहली बार नहीं था जब निक्की पर हमला हुआ हो। कुछ महीने पहले भी मारपीट हुई थी और दोनों बहनें मायके लौट गई थीं। लेकिन समाज और पंचायत के दबाव में वे फिर ससुराल लौट आईं। दुख की बात यह है कि हर बार समझौता करने का नतीजा निक्की की जान के रूप में सामने आया।
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के उस काले चेहरे को दिखाती है जहाँ दहेज के लालच में बेटियों की ज़िंदगियाँ खत्म कर दी जाती हैं।
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