कर्नाटक के पूर्व सांसद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को एक घरेलू नौकरानी से रेप के मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है। ये मामला मैसूरु के के.आर. नगर इलाके की एक महिला ने दर्ज कराया था। खास बात यह रही कि सिर्फ 14 महीनों में ही अदालत ने इस गंभीर मामले में फैसला सुना दिया।
जन प्रतिनिधियों के लिए बनी विशेष अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए प्रज्वल को दोषी ठहराया। अब शनिवार को उन्हें कितनी सजा होगी, इसका ऐलान किया जाएगा। अदालत में जब फैसला सुनाया गया, तो प्रज्वल रेवन्ना भावुक हो गए और बाहर निकलते वक्त रोते हुए दिखे।
महिला ने आरोप लगाया था कि रेवन्ना ने दो बार उसके साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो भी बनाया। यह मामला कर्नाटक की सीआईडी की साइबर क्राइम टीम में दर्ज हुआ था। जांच के दौरान पीड़िता ने वह साड़ी भी अदालत को सौंपी, जो घटना के वक्त उसने पहनी थी। फोरेंसिक जांच में साड़ी पर शुक्राणु मिलने की पुष्टि हुई, जो अदालत में अहम सबूत साबित हुई।
इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) और IT एक्ट 2008 की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इंस्पेक्टर शोभा के नेतृत्व में सीआईडी की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने इस मामले में 123 सबूत जुटाए और करीब 2,000 पन्नों का आरोप पत्र अदालत में पेश किया।
मुकदमे की शुरुआत 31 दिसंबर 2024 को हुई थी। इसके बाद सात महीनों में अदालत ने 23 गवाहों की गवाही सुनी, वीडियो सबूतों की फॉरेंसिक जांच देखी और घटना स्थल की रिपोर्ट का भी विश्लेषण किया।
प्रज्वल रेवन्ना को जिन धाराओं के तहत दोषी माना गया है, उनमें अलग-अलग सज़ाओं का प्रावधान है।
IPC की धारा 376(2)(के) और 376(2)(एन) के तहत 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
IPC की धारा 354(A), 354(B), 354(C) के तहत 3 साल तक की सजा दी जा सकती है।
IPC की धारा 506 के तहत 6 महीने तक की सजा हो सकती है।
IPC की धारा 201 के तहत 1 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
IT एक्ट की धारा 66(E) के तहत 3 साल तक की जेल हो सकती है।
इस पूरे मामले में अदालत ने तेज़ी से सुनवाई की और साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया। अब सभी की नजरें शनिवार को होने वाली सजा के ऐलान पर टिकी हैं।