दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास की मरम्मत (नवीनीकरण) के लिए 60 लाख रुपये का टेंडर प्रशासनिक कारणों से रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी सरकारी दस्तावेजों के हवाले से सामने आई है।
रेखा गुप्ता को दो बंगले दिए गए थे – एक रहने के लिए और दूसरा कैंप ऑफिस के लिए।
इनके मरम्मत कार्य के लिए दिल्ली सरकार के PWD (लोक निर्माण विभाग) ने टेंडर निकाला था।
इस टेंडर में बिजली का काम, 14 AC, 9 लाख के टीवी, और 6 लाख की लाइट फिटिंग शामिल थी।
लेकिन टेंडर खुलने के तीन दिन बाद इसे रद्द कर दिया गया।
रेखा गुप्ता फरवरी 2025 के चुनाव के बाद भाजपा की ओर से सीएम बनीं। वे पहली बार विधायक बनी थीं और चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री चुनी गईं।
सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बंगला लेने से मना कर दिया था। क्योंकि भाजपा पहले ही उस बंगले को 'शीशमहल' कहकर आलोचना कर चुकी थी और AAP पर जनता के पैसे बर्बाद करने का आरोप लगाया था।
वह बंगला लगभग 40,000 वर्ग गज में फैला हुआ है और इसका भव्य नवीनीकरण 2015 से 2024 तक हुआ था।
केंद्र सरकार ने इस पर जांच बैठा दी थी, जिसमें महंगे उपकरणों और अनियमितताओं की बात कही गई।
केजरीवाल ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और भाजपा पर दिमाग भटकाने का आरोप लगाया।
फिलहाल रेखा गुप्ता के घर के नवीनीकरण का काम रुका हुआ है।
टेंडर रद्द हो चुका है और इस पर अभी तक न तो रेखा गुप्ता और न ही अरविंद केजरीवाल ने कोई टिप्पणी की है।
रेखा गुप्ता पहले ही कह चुकी हैं कि केजरीवाल का बंगला अब एक संग्रहालय (museum) में बदला जाएगा, ताकि जनता देख सके कि कैसे पैसा खर्च हुआ।
रेखा गुप्ता ने जनता के पैसे से फिजूल खर्च से बचने का संदेश देने के लिए टेंडर रोक दिया है, खासकर जब AAP सरकार के पुराने खर्चों को लेकर बीजेपी पहले ही सवाल उठा चुकी थी।
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