दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) अब देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बन चुका है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एयरपोर्ट प्रशासन ने एक नया और अनोखा प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत कोई नया टर्मिनल नहीं बनाया जाएगा, लेकिन फिर भी एयरपोर्ट की क्षमता में 20% की बढ़ोतरी की जाएगी।
वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट हर साल लगभग 10.5 करोड़ यात्रियों को संभालता है। नए सुधारों के बाद 2029-30 तक यह क्षमता बढ़कर 12.5 करोड़ हो जाएगी। यह बदलाव टर्मिनल 1 (T1) और टर्मिनल 3 (T3) में किए जा रहे स्मार्ट विस्तार कार्यों के जरिए संभव होगा।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के CEO विदेह कुमार जयपुरियार ने एक एविएशन कॉन्फ्रेंस में बताया कि क्षमता बढ़ाने के लिए तीन बड़े प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं –
टर्मिनल 3 पर नया पियर ‘E’ बनेगा, जो हर साल 1 से 1.2 करोड़ यात्रियों को हैंडल करने में सक्षम होगा। यह हिस्सा अगले 2 से 3 साल में तैयार हो जाएगा।
टर्मिनल 1 पर यात्रियों की भीड़ घटाने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है।
T3 पर अतिरिक्त पार्किंग स्टैंड्स बनाए जाएंगे ताकि अधिक विमान एक साथ पार्क हो सकें।
फिलहाल टर्मिनल 3 के चार पियर हैं दो घरेलू और दो अंतरराष्ट्रीय। लेकिन इस सर्दी से एक घरेलू पियर को इंटरनेशनल पियर में बदल दिया जाएगा। इस बदलाव के बाद T3 में तीन इंटरनेशनल और एक घरेलू पियर रह जाएंगे।
1986 में बना टर्मिनल 2 (T2) अभी बंद नहीं होगा। यह हर साल लगभग 1.5 करोड़ यात्रियों को संभालता है। हाल ही में इसकी मरम्मत पूरी हुई है, और अब यह फिर से यात्रियों के लिए खुल चुका है। एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, नया टर्मिनल तभी बनाया जाएगा जब ट्रैफिक मौजूदा क्षमता के 80% से अधिक हो जाएगा।
फिलहाल IGI एयरपोर्ट हर साल करीब 8 करोड़ यात्रियों को संभाल रहा है। आने वाले 3 से 4 सालों में यह आंकड़ा 10 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। यह योजना सुनिश्चित करेगी कि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले और एयरपोर्ट बिना नया टर्मिनल बनाए अधिक यात्रियों को संभाल सके।
Copyright © 2025 The Samachaar
