दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 में मंगलवार सुबह जो मंजर सामने आया, वो किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था. MRV स्कूल के पास स्थित Shapath Society के आठवें और नौवें माले से उठती आग की लपटें न सिर्फ़ इमारत को खा रही थीं, बल्कि एक परिवार की खुशियों को भी राख कर रही थीं. सुबह 9:58 बजे जैसे ही आग लगने की कॉल पहुंची, फ़ायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौके पर दौड़ीं. एक स्काई लिफ्ट भी भेजी गई ताकि ऊपरी मंज़िलों से लोगों को निकाला जा सके. लेकिन तब तक सब कुछ बदल चुका था.
आग इतनी भयावह थी कि 10 साल के दो मासूम, एक बेटा और एक बेटी- डर से बालकनी से छलांग लगा बैठे। अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज़िंदगी उनका साथ छोड़ चुकी थी. पिता यश यादव, उम्र 35 साल, भी बच्चों को बचाने के चक्कर में खुद कूद गए. उन्हें IGI हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यश यादव फ्लेक्स बोर्ड का बिजनेस करते थे.
घर की मां और बड़े बेटे की जान किसी तरह बच गई, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये ज़िंदा रह गए लोग वाकई कभी जी पाएंगे? सोसाइटी के बाकी सभी लोगों को इवैक्यूएट कर दिया गया है। बिजली और गैस की सप्लाई को तुरंत बंद कर दिया गया ताकि और कोई हादसा न हो. DDA और MCD को बुलाया गया है ताकि बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल सेफ्टी की जांच की जा सके.
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