दिल्ली सरकार जल्द ही राजधानी के लिए एक नई आबकारी (शराब से जुड़ी) नीति लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि यह नीति सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए नहीं होगी, बल्कि इसमें शराब की गुणवत्ता, बिक्री व्यवस्था में पारदर्शिता, और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
शराब की गुणवत्ता की वैज्ञानिक जांच होगी।
बिक्री व्यवस्था को डिजिटल किया जाएगा।
अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगेगी।
जन जागरूकता अभियान चलाकर शराब के दुरुपयोग को रोका जाएगा।
लाइसेंस देने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं होगी और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा, शांति और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी।
एक उच्च स्तरीय समिति, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव धर्मेंद कुमार कर रहे हैं, देश के अलग-अलग राज्यों की शराब नीतियों का अध्ययन कर रही है ताकि दिल्ली के लिए एक बेहतर और संतुलित मॉडल तैयार किया जा सके। यह समिति 30 जून तक नई नीति का प्रस्ताव सरकार को देगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार की शराब नीति को भ्रष्ट और पक्षपाती बताया। उन्होंने कहा कि उस नीति से कुछ निजी कंपनियों को अनुचित लाभ मिला, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान और जनता का विश्वास टूटा। उसी का नतीजा था कि नीति वापस लेनी पड़ी और कई नेता जेल गए।
अब बीजेपी सरकार इस नई नीति को केवल पैसे कमाने का जरिया नहीं, बल्कि समाजिक जिम्मेदारी मान रही है, जो दिल्ली के लोगों के हित में बनाई जा रही है।
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