दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से अपील की है कि पुराने वाहनों (ELV) को ईंधन देने पर रोक लगाने वाला आदेश अभी लागू न किया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक पूरे एनसीआर (दिल्ली व आसपास के इलाकों) में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचानने वाली तकनीक (ANPR) पूरी तरह लागू नहीं होती, तब तक यह आदेश रोका जाए।
क्या है यह मामला?
CAQM ने अप्रैल 2025 में आदेश दिया था कि 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। यह नियम उन वाहनों पर भी लागू होगा जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं।
क्यों हो रही है दिक्कत?
सरकार ने कहा है कि अभी तकनीकी दिक्कतें हैं और इस तरह का ईंधन प्रतिबंध अभी व्यावहारिक (practical) नहीं है।
दिल्ली में 60 लाख से ज़्यादा पुराने वाहन हैं, जिनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया हैं।
इन वाहनों में से कई आज भी चालू हालत में हैं और लोग इन्हें रोज़ इस्तेमाल करते हैं।
मंत्री सिरसा का क्या कहना है?
मंत्री ने CAQM को चिट्ठी लिखकर कहा है कि लोग इस फैसले से नाराज़ हैं और दिल्ली सरकार उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है और इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
अब तक क्या तैयारी हुई है?
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पंपों को कहा है कि वो पुराने वाहनों को ईंधन न दें और इसका रिकॉर्ड रखें।
सभी पंपों पर एक बोर्ड लगाना होगा, जिसमें लिखा होगा: "पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा - 15 साल पुराने पेट्रोल/सीएनजी और 10 साल पुराने डीजल"।
पंप कर्मचारियों को भी इस बारे में प्रशिक्षण (training) देने की बात कही गई है।
सरकार फिलहाल चाहती है कि जब तक पूरे सिस्टम को ठीक से लागू नहीं किया जा सकता, तब तक इस प्रतिबंध को टाल दिया जाए, ताकि आम लोगों को परेशानी न हो और नियमों का सही तरीके से पालन हो सके।
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