'कब्र बन गई क्लासरूम', हादसे से कांपा झालावाड़! अब तक पांच की मौत- कई घायल

राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. पीपलोदी सरकारी स्कूल की छत अचानक ढह गई, जिसमें चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई

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राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. पीपलोदी सरकारी स्कूल की छत अचानक ढह गई, जिसमें चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए. बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त स्कूल में करीब 40 छात्र और शिक्षक मौजूद थे.

इस दर्दनाक हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोग, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और राहत दल मौके पर पहुंचे. चार बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल कई छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राथमिक जांच में स्कूल की जर्जर बिल्डिंग को हादसे की बड़ी वजह माना जा रहा है.

हादसा सुबह 8:30 बजे के करीब, छत गिरते ही मच गई चीख-पुकार

मिली जानकारी के अनुसार, मनोहर थाना के पीपलोदी सरकारी स्कूल की बिल्डिंग काफी जर्जर हालत में थी. शुक्रवार सुबह 8:30 बजे जैसे ही बच्चे कक्षाओं में पहुंचे, अचानक इमारत की छत भरभराकर गिर गई. बच्चे और शिक्षक कुछ समझ पाते, इससे पहले ही पूरा मलबा गिर चुका था. झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने पीटीआई को बताया, 'चार बच्चों की मौत हो गई है और 17 अन्य घायल हैं. 10 बच्चों को झालावाड़ रेफर किया गया है, जिनमें तीन से चार की हालत गंभीर है.

बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग और JCB मशीनें

हादसे के तुरंत बाद गांव के लोग मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए. मलबे में फंसे बच्चों और स्टाफ को बाहर निकालने के लिए चार जेसीबी मशीनें बुलाई गईं. मौके पर जिला प्रशासन और आपदा राहत दल भी पहुंच चुका है. जब अभिभावकों को हादसे की जानकारी मिली, तो वे बदहवासी में स्कूल पहुंचे. अस्पतालों में भी परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी. घायल बच्चों को मनोहर थाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल बच्चों को झालावाड़ रेफर किया गया है.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बयान, जांच के आदेश

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, 'मैंने जिला अधिकारियों को घायल बच्चों के इलाज की उचित व्यवस्था करने और किसी भी तरह की दिक्कत न होने देने के निर्देश दिए हैं. मैंने कलेक्टर से बात की है और हादसे की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इमारत कैसे गिरी. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, स्कूल की इमारत की हालत बेहद खराब थी और इसके बारे में कई बार शिकायतें भी की जा चुकी थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब जब हादसा हो गया, तब प्रशासन हरकत में आया है.