जैसे ही गर्मी का पारा चढ़ता है, बाजार में कुछ खास मौसमी फल दिखने लगते हैं जो सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत का खजाना भी होते हैं. ऐसे ही दो लोकप्रिय फल हैं – फालसा और जामुन. देखने में भले ही ये दोनों छोटे, गहरे रंग के और लगभग एक जैसे नजर आएं, लेकिन इनके पोषण और फायदे बिल्कुल अलग-अलग हैं. तो चलिए जानते हैं कि गर्मियों में आपकी सेहत के लिए कौन-सा फल बनेगा बेस्ट साथी – फालसा या जामुन?
फालसा का स्वाद खट्टा-मीठा होता है और यह खासतौर पर शरीर को ठंडक देने के लिए जाना जाता है. गर्मी में लू लगने से बचाने और मुंह की ताजगी के लिए यह काफी असरदार है. वहीं जामुन भी हल्का खट्टा-मीठा होता है, लेकिन इसका असर डायबिटीज और पेट की समस्याओं में अधिक प्रभावशाली माना जाता है. इसका रंग जीभ पर चढ़ जाता है, जो इसकी खास पहचान बन चुका है.
दोनों ही फलों की तासीर ठंडी मानी जाती है, लेकिन असर अलग-अलग जगहों पर होता है. फालसा शरीर को भीतर से ठंडक देता है और थकान मिटाता है. जामुन शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म को भी दुरुस्त करता है.
फालसा में पाए जाते हैं –
विटामिन C फाइबर एंटीऑक्सीडेंट्स
ये सभी तत्व इम्यूनिटी बढ़ाने, डिटॉक्स करने और खून साफ करने में मदद करते हैं।
कैल्शियम पोटैशियम आयरन
यह खासकर ब्लड शुगर कंट्रोल, पाचन सुधार और रक्त निर्माण में असरदार होता है.
लू और डिहाइड्रेशन से बचाव त्वचा को ग्लोइंग बनाने में मददगार पेट की गर्मी और गैस को करता है दूर शरीर में ठंडक और एनर्जी का संचार
जैंबोलीन कंपाउंड ब्लड शुगर कंट्रोल करता है पाचन सुधारता है और पेट के कीड़े खत्म करता है खून की कमी दूर करता है मसूड़ों और मुंह के छालों में भी लाभकारी इसके बीज भी आयुर्वेद में उपयोगी हैं
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