Curdled milk health benefits: अक्सर हम फटे हुए दूध को खराब समझकर फेंक देते हैं. लेकिन अगर दूध हल्का सा फटा हो और उसमें कोई खराब गंध न हो, तो यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. फटे दूध में नेचुरल प्रोबायोटिक्स, लैक्टिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन्स होते हैं, जो पाचन से लेकर त्वचा और हड्डियों तक के लिए लाभकारी हैं.
फटा हुआ दूध पेट के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला माना जाता है. यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम बनता है. कई शोध बताते हैं कि नियंत्रित मात्रा में फटे दूध का सेवन हड्डियों, त्वचा और पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.
फटे दूध में मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं. यह गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है. नियमित रूप से फटे दूध का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करता है.
भारी या मसालेदार भोजन के बाद फटा हुआ दूध पीने से पेट को तुरंत ठंडक मिलती है और एसिडिटी कम होती है. यह पेट को शांत करने का प्राकृतिक तरीका है.
फटे दूध में विटामिन B, कैल्शियम और प्रोटीन मौजूद होते हैं. ये तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. इससे हम बीमारियों से जल्दी लड़ सकते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं.
फटा हुआ दूध कम कैलोरी और उच्च प्रोटीन वाला होता है. यह पेट लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे ओवरईटिंग कम होती है और वजन नियंत्रित रहता है.
फटे दूध में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम पाए जाते हैं. ये हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं.
फटे दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है. इसे फेस पैक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नया और स्वस्थ सेल बनाने में मदद करता है.
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