PM Kisan Yojana: देश के लाखों किसान हर साल संसद में पेश होने वाले आम बजट की ओर ध्यान रखते हैं. खेती की बढ़ती लागत और महंगाई के बीच किसान सरकार से कुछ राहत की उम्मीद रखते हैं. ताजा खबरों के अनुसार, आने वाला केंद्रीय बजट किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है. चर्चा है कि सरकार ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ (PM Kisan Yojana) की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है. अगर योजना के अनुसार सब कुछ हुआ, तो किसानों को मिलने वाली सालाना मदद 6,000 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये या उससे ज्यादा हो सकती है.
भले ही आम जनता को बजट का भाषण फरवरी के महीने में सुनने को मिलता है, लेकिन इसकी तैयारी महीनों पहले ही शुरू हो जाती है. केंद्र सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बजट तैयार करने की लंबी प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है और इसका नेतृत्व वित्त मंत्रालय करता है.
अगस्त-सितंबर से ही बैठकों का दौर शुरू हो जाता है. इसमें नीति आयोग, संबंधित मंत्रालय, राज्यों के प्रतिनिधि और कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों से राय ली जाती है. संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत तैयार होने वाला ये ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ तय करता है कि सरकार अगले साल जनता के पैसे का उपयोग कहां और कैसे करेगी. इस बार मिली सुझावों और लंबी तैयारी का लाभ सीधे किसानों को मिल सकता है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत से ही किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. ये राशि तीन बराबर किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है.
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में खाद, बीज और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस आर्थिक मदद की राशि में कोई बदलाव नहीं आया. पिछली बार भी ऐसी अटकलें थीं कि राशि बढ़ाई जाएगी, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ.
अब खबरें आ रही हैं कि सरकार इस बार राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है. अनुमान है कि सालाना राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की जा सकती है. अगर ये फैसला लिया गया, तो छोटे और सीमांत किसानों को महंगाई से राहत मिलेगी. 9,000 रुपये होने पर, हर किस्त में 2,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये मिलेंगे.
किसानों के लिए ये बढ़ोतरी केवल आर्थिक मदद नहीं होगी, बल्कि उनकी उम्मीदों और मेहनत को भी मान्यता देने जैसा कदम होगा. बढ़ी हुई राशि छोटे किसानों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगी और खेती के बढ़ते खर्च का कुछ बोझ कम कर सकेगी.
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