हम सभी चाहते हैं कि हमारी जिंदगी सुकून से भरी हो, तरक्की हो, मानसिक शांति हो और सपने पूरे हों. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को समझते हैं कि इन सबके बीच एक और अहम चीज होती है- हमारे आस-पास मौजूद लोग. जी हां, संगति यानी किसके साथ वक्त बिताते हैं, ये तय करता है कि हम ऊपर उठेंगे या वहीं के वहीं रह जाएंगे.
अगर आपने भी कभी ये महसूस किया है कि जिंदगी में नकारात्मकता बढ़ रही है, तो अब समय आ गया है खुद से सवाल पूछने का- कहीं इसकी वजह आपके आसपास मौजूद कुछ लोग तो नहीं?
तुम्हारी बहन तो तुमसे ज्यादा समझदार है, देखो उसकी नौकरी लग गई और तुम अब भी कोशिश ही कर रहे हो…ऐसी बातें मजाक में कही जाती हैं, लेकिन ये हमारी आत्मा को चोट पहुंचाती हैं. ये वो लोग होते हैं जिन्हें आपकी तुलना करने में मजा आता है. उनका मकसद होता है आपको कमतर महसूस कराना.
ऐसे लोग आपके आत्मविश्वास को धीरे-धीरे खत्म कर देते हैं. अगर ये लोग बार-बार आपके मनोबल को गिरा रहे हैं, तो उन्हें पहचानिए और खुद के लिए स्टैंड लीजिए.
ऐसे लोग हर किसी के बारे में कुछ ना कुछ निगेटिव कहते रहते हैं. आज आपके सामने किसी की बुराई कर रहे हैं, तो यकीन मानिए कल दूसरों के सामने आपकी बुराई भी उतनी ही शिद्दत से करेंगे.
इनका काम ही है नेगेटिव माहौल बनाना और शांति भंग करना. ऐसे लोगों से दूरी बनाना आपकी मानसिक शांति के लिए जरूरी है.
अगर आप कहते हैं कि आप एक दिन अपना खुद का घर लेना चाहते हैं, या विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं- तो ऐसे लोग तुरंत हंसते हैं, ताना मारते हैं: अरे रहने दो तुमसे नहीं होगा, औकात में रहकर सपने देखो.
ये लोग आपकी सोच को सीमित करना चाहते हैं. अगर आपने इनकी बातों को सीरियसली लेना शुरू कर दिया, तो आप खुद ही अपने सपनों से पीछे हटने लगेंगे.
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तब तक आपके करीब रहते हैं जब तक उन्हें आपसे कोई फायदा मिल रहा हो. लेकिन जैसे ही उन्हें आपकी जरूरत नहीं रहती, वे गायब हो जाते हैं- फोन तक उठाना बंद कर देते हैं.
ये रिश्ते सिर्फ दिखावा होते हैं, जिनमें न भावनाएं होती हैं, न ईमानदारी. ऐसे लोगों को पहचानना और खुद को इनसे बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये सिर्फ आपका वक्त और ऊर्जा बर्बाद करते हैं.
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके साथ बैठने के कुछ ही मिनटों में आपको लगने लगेगा जैसे सारी एनर्जी खत्म हो गई हो. ये हर चीज में बुराई, हर बात में शिकायत और हर मौके में हार ही देखते हैं.
इनकी आदत होती है दुख और असंतोष का रोना रोना- लेकिन कभी समाधान नहीं ढूंढते. ऐसे लोग आपके पॉजिटिव माइंडसेट को धीरे-धीरे निगेटिव बना देते हैं.
पहचानें कि कौन आपकी एनर्जी खींच रहा है. उनसे भावनात्मक दूरी बनाइए जो आपको गिराते हैं. सिर्फ उन्हीं लोगों से जुड़िए जो आपको मोटिवेट करते हैं, समझते हैं और सच्चे दिल से साथ होते हैं.
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