रूस-यूक्रेन युद्ध अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है. इस बीच क्रेमलिन ने एक बड़ा बयान देकर वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिए हैं कि वे शांति वार्ता को लेकर तैयार हैं, लेकिन रूस किसी भी हालत में अपने रणनीतिक लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रविवार को कहा कि रूस युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन देश की प्राथमिकता अपने लक्ष्यों को हासिल करना है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिनों की डेडलाइन दी है, जिसमें युद्धविराम की मांग की गई है.
रूस ने एक बार फिर दोहराया कि वह अपने हितों और रणनीतिक उद्देश्यों से पीछे नहीं हटेगा. हालांकि, वह बातचीत के लिए तैयार है. पेसकोव ने साफ किया, "शांति संभव है, लेकिन हमारी प्राथमिकताएं बदलेंगी नहीं." यह साफ करता है कि रूस किसी भी वार्ता की मेज पर अपनी शर्तों के साथ ही बैठेगा.
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि यदि रूस 50 दिनों में युद्धविराम पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका सख्त प्रतिबंध लगाएगा. रूस ने पहले इसे नजरअंदाज किया, लेकिन अब उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव साफ झलक रहा है. हालांकि, क्रेमलिन का कहना है कि दुनिया ट्रंप की 'कठोर भाषा' की आदी हो चुकी है.
दूसरी ओर, रूस ने यूक्रेनी शहरों पर ड्रोन हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में एक ही रात में रूस ने 2024 के अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले किए. इस बीच यूक्रेन और पश्चिमी देश मॉस्को पर वार्ता में अड़चन डालने का आरोप लगा रहे हैं.
फरवरी 2022 से जारी युद्ध में अब तक लाखों लोग जान गंवा चुके हैं. अमेरिका और पश्चिमी देशों की सैन्य मदद के बावजूद रूस ने कई इलाकों पर नियंत्रण बनाए रखा है. अब जब पुतिन वार्ता की बात कर रहे हैं और ट्रंप कड़े रुख में हैं, तो यह युद्ध वैश्विक राजनीति को एक नए मोड़ पर ला खड़ा कर रहा है.
रूस की शांति वार्ता की पेशकश सशर्त है, और यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर कूटनीति अब केवल बातचीत नहीं बल्कि शक्ति प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ रही है.
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